मारवाही उपचुनाव : होगा त्रिकोणीय संघर्ष, जीतना सिर्फ राजनीतिक चुनौती नहीं..बल्कि साख भी दांव पर लगी

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ख़बरगली विशेष

सर्जन डॉ. गंभीर सिंह होंगे भाजपा से प्रत्याशी

कांग्रेस से डॉ के.के. ध्रुव व अजीत सिंह का नाम चर्चा में

जोगी ने सीएम बघेल को बताया ‘जोगरिया’ से ग्रसित

रायपुर (khabargali) मरवाही उप चुनाव की तारीख जैसे-जैसे करीब आती जा रही है, प्रदेश में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है और राजनीतिक दलों के बीच जबानी जंग भी तेज होती जा रही है. छ्त्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के देहांत के बाद ..25 वर्षों से जोगी परिवार की खाली हुई इस सीट का उपचुनाव अब बेहद खास बन गया है. क्योंकि यह चुनाव जीतना सिर्फ राजनीतिक चुनौती नही है बल्कि राजनीतिक पार्टियों के साख भी दांव पर लग गई है. इसलिए वहां त्रिकोणीय संघर्ष के नजारे देखने मिलने के आसार दिख रहे हैं.

मैदान में ये भिड़ेंगे

यहां छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस पार्टी के कैंडिडेट अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी हैं. आज भाजपा ने आज डॉ. गंभीर सिंह को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. डॉ. सिंह शहर के माने हुए सर्जन है, इससे पहले वे मेकाहारा में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. जबकि कांग्रेस ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. किन्तु चुनाव समिति ने आला कमान को चार नाम प्रमुखता से भेजें हैं, जिसमें डॉ के.के. ध्रुव जो कि स्वयं भी मरवाही में ब्लॉक चिकित्सा अधिकारी हैं एवं दूसरे हैं अजीत सिंह जो कि सरपंच हैं. हालांकि सूत्रों के अनुसार डॉ ध्रुव का स्थानीय स्तर विरोध भी शुरू होने की खबर है.

जानें कौन है डॉ. गंभीर सिंह ?

गंभीर सिंह का मरवाही विकासखंड के लट् कोनी खुर्द के रहने वाले 11 जून 1968 को मरवाही के गोंड परिवार में जन्म हुआ था. प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद 1999 में डॉक्टर गंभीर भारतीय रेलवे के जनरल सर्जन के लिए चुने गए. मरवाही क्षेत्र में वे अपनी स्वास्थ्य सेवाओं के जरिये लोगों से जीवंत संपर्क में हैं। गंभीर सिंह ग्वालियर मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में सेवा दे चुके हैं. 2005 में रायपुर के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में बतौर एसोसिएट प्रोफेसर देना शुरू किया. इनकी पत्नी मंजू जानी मानी डॉक्टर है. डॉक्टर गंभीर सिंह के पिता बेन सिंह गोंडवाना आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले चुके हैं. वर्तमान में डॉ. गंभीर सिंह रिम्स में अपनी सेवाएं दे रहे हैं.

2013 के चुनाव में भी उछला था नाम

2013 के चुनाव में भी गंभीर सिंह का नाम प्रमुखता से बीजेपी की ओर से था. बाद में समीरा पैकरा को प्रत्याशी बनाया गया था.

पूरी ताकत लगा रही हैं पार्टियां

कांग्रेस- भाजपा और जोगी पार्टी ने पूरी ताकत के साथ ज़मीनी स्तर पर उतरकर लोगों से जनसंपर्क साधना भी शुरू कर दिया है. इधर सीएम भूपेश बघेल ने इस विधानसभा उपचुनाव की तैयारी अभी से शुरू कर दी है और वो खुद मरवाही के पार्टी कार्यकर्ताओं से जुड़ गए हैं और निर्देश दे रहे हैं. मुख़्यमंत्री का हालिया बयान कि कांग्रेस मरवाही उपचुनाव हर हाल में जीतेगी, उनकी गंभीरता को दर्शाता है. छत्तीसगढ़ बनने के बाद से बीजेपी कभी भी मरवाही नहीं जीत सकी बहरहाल वह भी अपनी ताकत झौंक देने की मूड में आ गई है.

20 साल में 5 चुनाव

 प्रदेश में सिर्फ मरवाही विधानसभा सीट ही एक ऐसी सीट है जहां राज्‍य बनने के 20 साल के भीतर पांच चुनाव हो चुके हैं और 2.5 लाख मतदाता वाली मरवाही विधानसभा से अजीत जोगी छ: बार चुनाव जीते हैं. उनके निधन के बाद अब यहां छठवीं बार फिर चुनाव होने जा रहा है. राज्य बनने के बाद अजीत जोगी छत्‍तीसगढ़ के प्रथम मुख्‍यमंत्री बने और 2001 में मरवाही से भाजपा विधायक रामदयाल उईके ने कांग्रेस सरकार के सीएम के लिए अपना इस्‍तीफा दे दिया. राज्‍य बनने के पहले के पहले साल ही यहां उपचुनाव हुए जिसमें तत्‍कालीन मुख्‍यमंत्री अजीत जोगी ने राज्‍य भाजपा प्रत्‍याशी अमर सिंह को 51 हजार से अधिक वोटों से पराजित किया था. चूंकि 1998 में विधानसभा का आम निर्वाचन हुआ था इसलिए 2003 में फिर से चुनाव हुए. इस बार भी अजीत जोगी ने भाजपा के दमदार नेता नंदकुमार साय को 54 हजार150 वोटों से एकतरफा जीत हासिल की. इसके बाद उन्‍होंने 2008 में जोगी ने भाजपा के ध्‍यान सिंह को 42 हजार वोटों से हराया. जबकि 2013 में अजीत जोगी ने मरवाही में अपने बेटे अमित जोगी को प्रत्‍याशी बनाया. अमित ने भी अजीत जोगी की तरह एकतरफा 46,250 वोटों से जीत हासिल की. अमित जोगी को जहां 82,909 वोट मिले थे जबकि भाजपा प्रत्‍याशी समीरा पैकरा को 36,659 वोट ही मिले थे.

अमित जोगी की चिट्ठी से हुआ बवाल

जेसीसीजे और कांग्रेस के बीच नए वाक युद्ध की शुरुआत अमित जोगी के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम लिखी चिट्ठी से हुई है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि मरवाही उप चुनाव जौतने के लिए खुले आम साड़ी , शाल, शराब, कंबल, बरतन, बकरा, बाली, पायल, सब बंटवा दिया. एक-एक वोट के लिए 15000 रुपए भी दे दिया. अमित जोगी ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पहले उनके पिता अजीत जोगी और उनसे “जोगेरिया’ रोग से ग्रसित थे. अब मेरी माँ और मेरे दुधमुंहे बेटे की माँ ऋचा का भी जोगेरिया रोग हो गया है. इसके साथ उन्होंने उम्मीद जताई कि कोरोना की वैक्सीन के साथ जोगेरिया की भी वैक्सीन जल्द आएगी, जिससे वे जल्द स्वस्थ हो सके.

जोगी ने सीएम बघेल को बताया ‘जोगरिया’ से ग्रसित ..कांग्रेस का पलटवार

जोगी परिवार का गढ़ माने जाने वाले मरवाही विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सक्रियता पर अमित जोगी ने आज कटाक्ष करते हुए सीएम को जोगरिया रोग से ग्रसित बताते हुए, स्वस्थ होने के लिए जल्द वैक्सीन आने की बात कही है. उन्होंने मरवाही को मंत्रालय बनाने का भी आरोप लगाया है. हालांकि इस हमले पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने उल्टे अमित जोगी को जोगरिया रोग से ग्रसित बताते हुए सीएम भूपेश बघेल को प्रमाणित चिकित्सक बता दिया है. कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि भूपेश बघेल ने इस बीमारी का बहुत हद तक इलाज कर दिया है, जो थोड़ी-बहुत बीमारी बची है, उसका इलाज मरवाही की जनता कर देगी.

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