मोरबी पुल हादसा: 9 लोगों को हिरासत में लिया गया..पढ़ें कैसा भयानक मंजर है वहाँ
मोरबी (khabargali) गुजरात के मोरबी पुल हादसे में मृतकों की संख्या सोमवार सुबह 190 पहुंच गई। इनमें 25 बच्चे हैं। मृतकों में महिलाओं और बुजुर्गों की संख्या भी ज्यादा है। 170 लोग रेस्क्यू किए गए हैं। माना जा रहा है कि नदी में अभी और शव हो सकते हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। सैकड़ों घायल तो अस्पताल में भी भर्ती हैं। थलसेना, वायुसेना, नौसेना और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी हुई हैं। वहीं, मौके पर 108 डॉक्टरों की टीम भी तैनात है। हादसा रविवार शाम 6.30 बजे तब हुआ, जब 765 फीट लंबा और महज 4.5 फीट चौड़ा केबल सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। 143 साल पुराना पुल ब्रिटिश शासन काल में बनाया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर बाद मोरबी जाएंगे।मोरबी हादसे में मारे गए लोगों का पोस्टमॉर्टम नहीं किया जाएगा। राजकोट के भाजपा सांसद मोहनभाई कुंडारिया के परिवार के 12 लोग हादसे में मारे गए। हेल्पलाइन नंबर 02822243300) जारी। मोरबी और राजकोट हॉस्पिटल में इमरजेंसी वार्ड बना।
जानकारी हो कि यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत की गई थी। हादसे से 5 दिन पहले 25 अक्टूबर को यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया। रविवार को यहां भीड़ क्षमता से ज्यादा हो गई। हादसे की भी यही वजह बताई जा रही है। हादसे का 30 सेकंड का वीडियो भी सामने आया है। इसमें 15 सेकेंड के बाद पुल टूट गया और लोग मच्छू नदी में समा गए।
कई सवाल उठ रहे
हादसे के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। मामले की जांच जारी है और यकीनन कुछ दिनों बाद जांच के कुछ ना कुछ नतीजे तो आ ही जाएंगे। 190 से ज्यादा मौतों से जुड़ी इस बड़ी लापरवाही को लेकर अब कई बातें सामने आ रही हैं। हादसे को लेकर हैरानी की ऐसी कई सारी बातें हैं जिसपर शायद ध्यान दिया गया होता तो शायद इतना भयानक मंजर देखने को नहीं मिलता। मच्छु नदी पर बने इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता थी। हादसे के दिन यानी रविवार को इस पुल पर क्षमता से 5 गुना ज्यादा लोग सवार थे। आखिर कैसे 100 लोगों की क्षमता वाले पुल पर 400-500 लोग आ गये, किसने इसकी अनुमति दी? इस पुल पर आने के लिए करीब 15 रुपये की फीस लगती है। तो क्या दिवाली के बाद वाले वीकेंड पर किसी ने जानबूझ कर कमाई की लालच से इस पुल को बिना फिटनेस जांच के ही खोल दिया था और इतने लोगों की भीड़ पुल पर जुट गई थी।
रोंगटे खड़े करने वाला मंजर
नदी से एक के बाद एक निकाले जा रहे शव... नदी में चारों ओर एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की नारंगी रंग की बोटें... नदी किनारे पड़े जूते-चप्पल... और आसपास खड़े मायूसी भरे चेहरे... ये मंजर गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी में रविवार शाम से ही है। चश्मदीदों ने बताया - नदी के पास चाय बेचने वाले एक चश्मदीद ने न्यूज एजेंसी को इस बारे में बताया कि पुल पर लोग लटके हुए थे। उसने बताया, 'सबकुछ सेकंड में हो गया. मैंने देखा कि लोग पुल पर लटके हुए थे और थोड़ी देर बाद पकड़ ढीली होते ही वो नदी में जा गिरे।' उसने बताया कि इस हादसे में 7 महीने की गर्भवती महिला की भी मौत हो गई। पुल के टूटने के बाद ही स्थानीय लोग भी मदद के लिए आगे आए और नदी में गिरे लोगों को बचाने लगे। लोगों ने बताया कि वो मंजर कितना खतरनाक था। कैसे वो अपने हाथों में छोटे-छोटे बच्चों के शवों को ले जा रहे थे।
9 लोगों को हिरासत में लिया
गुजरात के गृहमंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि इस मामले में आपराधिक केस दर्ज कर लिया गया है। साथ ही, आईजीपी रेंज के नेतृत्व में जांच शुरू कर दी गई है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी ने हादसे की जांच भी शुरू कर दी है। । इस मामले में पुलिस ने 9 लोगों को हिरासत में लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस अभी हिरासत में लिए गए लोगों से पूछताछ कर रही है। मोरबी हादसे को लेकर रखरखाव करने वाली एजेंसी के खिलाफ धारा 304, 308 और 114 के तहत क्रिमिनल केस दर्ज किया गया है।
एक ही परिवार के सात लोगों की मौत
मोरबी पुल हादसे में एक ही परिवार के सात लोगों की मौत होने की खबर है। यह परिवार जामनगर जिले की ढ्रोल तालुका से ताल्लुक रखता था।
पीएम आएंगे मोरबी
गुजरात के मोरबी में हुए हादसे के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक नवंबर को मोरबी जाएंगे और यहां पीड़ितों से वो मुलाकात कर सकते हैं। बताया जा रहा है कि पीएम मोदी घटनास्थल का भी जायजा लेंगे।
खरगे-राहुल ने की यह अपील
खरगे-राहुल ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से की यह अपील मोरबी पुल हादसे को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया। उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे बचाव कार्य में हरसंभव मदद मुहैया कराएं।
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