लगभग 108 वर्षों के बाद नाग पंचमी पर दुर्लभ संयोग... ऐसे करें पूजा
रायपुर (khabargali) नाग पंचमी के अवसर पर की जाने वाली पूजा से राहु केतु के बुरे प्रभाव एवं कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है। नाग देवता की पूजा के साथ भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए। इस दिन रुद्राभिषेक कराने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। नागपंचमी के दिन यदि भगवान शंकर का दूध से अभिषेक किया जाए तो ज्योतिष की दृष्टि से जो काल सर्प योग बन रहा होता है उसकी शांति हो जाती है उक्त आशय की जानकारी प्रसिद्ध ज्योतिषी डॉक्टर इंदुभवानन्द महाराज ने दी महाराज ने आगे बताया कि भगवान शंकर बड़े दयालु कृपालु हैं वह मात्र जल से ही प्रसन्न हो जाते हैं उनकी उपासना करने से साधकों को निश्चित लाभ होता है जिन जातक जातिकाओं की कुंडली में कालसर्प योग बन जाता है उसकी निवृत्ति हो जाती हैं।
कालसर्प योग पितृ दोष का एक भेद है यह कालसर्प योग ज्योतिष की दृष्टि से 3333 प्रकार का होता है इसमें 24 प्रकार का कालसर्प योग उदित व अनुदित भेद का होता हैं उन 24 प्रकार में 12 प्रकार का कालसर्प योग खराब होता है उन सभी प्रकार के कालसर्प योग की शांति हेतु नवनाथ का पूजन एवं भगवान शंकर के दुग्ध अभिषेक करने से दूर हो जाता है साल में व्यक्ति को एक ही बार ऐसा अवसर आता है कि यदि वह नाग पंचमी को रुद्राभिषेक करता है तो नागदेव प्रसन्न हो जाते हैं और उसकी भाग्य में जितनी बाधाएं होती हैं उन सब को दूर कर देते हैं।
नाग पंचमी पर दुर्लभ संयोग ऐसे करें पूजा
13 अगस्त को नाग पंचमी का त्योहार मनाया जाता है। मान्यता है नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है। इस साल की नाग पंचमी विशेष शुभ योग में मनाई जाएगी। लगभग 108 वर्षों के बाद नाग पंचमी पर दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है। नाग पंचमी के दिन शुभ योग बनने से जिन जातकों की कुंडली में कालसर्प दोष है उनके लिए यह पर्व बहुत ही शुभ रहेगा। 13 अगस्त को नाग पंचमी उत्तरा योग और हस्त नक्षत्र के संयोग में मनाई जाएगी।
नागपंचमी की पूजा विधि
पंचमी के दिन सुबह स्नान कर व्रत और पूजा का संकल्प लें। पूजा स्थल पर नागदेवता का चित्र लगाएं या मिट्टी के सर्प देवता बना कर उनको चौकी पर स्थापित कर दें। हल्दी, रोली, चावल,कच्चा दूध और फूल चढ़ाकर नाग देवता की पूजा करें। तत्पश्चात कच्चा दूध, घी, चीनी मिलाकर नाग देवता को अर्पित करें। नाग पंचमी के दिन अनन्त, वासुकि, पद्म, महापद्म, तक्षक, कुलीर, कर्कट और शंख नामक अष्टनागों का ध्यान कर पूजा करें। अब नाग देवता की आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें। इसके बाद नाग देवता से घर में सुख-शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करें। नागदेवता की पूजा करने वाली महिलाएं नाग को अपना भाई मानती हैं और उनसे अपने परिवार की रक्षा का वचन लेती हैं। मान्यता है कि नागपंचमी पर सांपों को दूध चढ़ाने से अक्षय-पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही नागदेवता की पूजा से घर में धन आगमन का स्रोत बढ़ता है। शास्त्रों में वर्णित है कि नाग देव गुप्त धन की रक्षा करते हैं
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