पढ़िए कैसे रोमांचक स्पर्धा में भारत के लाल ने रची खेलनीति
ख़ास बातें: 1. एथलेटिक्स में भारत का पहला सोना 2. ओलिंपिक इतिहास में व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को सिर्फ दूसरा स्वर्ण पदक 3. साल 2008 में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में जीता था स्वर्ण 4. जेवलिन थ्रो के रजत और कांस्य दोनों पदक चेकगणराज्य को
तोक्यो ( khabargali) भाला फेंक ऐथलीट नीरज चोपड़ा ने तोक्यो ओलिंपिक में जैवलिन थ्रो (भाला फेंक) स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। वह देश के लिए व्यक्तिगत स्वर्ण जीतने वाले दूसरे खिलाड़ी और पहले ऐथलीट हैं। ओलंपिक इतिहास में एथलेटिक्स में यह भारत का पहला सोना है।
ऐसे मात दी विरोधियों को
नीरज ने अपने पहले थ्रो में 87.03 मीटर दूर भाला फेंका। इसके बाद दूसरी कोशिश में 87.58 मीटर और नीरज ने पहले प्रयास में 87.03 मीटर भाला फेंका, जबकि दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर रहा। इसके साथ ही उनका गोल्ड मेडल लगभग पक्का हो गया था, क्योंकि वह दोनों ही राउंड में टॉप पर रहे थे। उन्होंने तीसरे प्रयास में नीरज ने 76.79 मीटर दूर भाला फेंक कर सबको चौंका दिया। दूसरे नंबर पर चेक गणराज्य ऐथलीट और गोल्ड मेडल के दावेदार माने जा रहे वी. याकूब ने इस दौरान दूसरा और तीसरा प्रयास फाउल किया और आखिरी प्रयास तक 86.67 मीटर ही भाला फेंक सके। नीरज ने स्वर्ण पदक जीतने के बाद तिरंगा लेकर मैदान का चक्कर लगाया और इसका जश्न मनाया। चेकगणराज्य के जैकब वैदलैक ने 86.67 की दूरी तक भाला फेंका और वह दूसरे स्थान पर रहे। तीसरे स्थान पर रहने वाले विज़ेस्लाव वेज़ली ने 85.44 मीटर की दूरी तक भाला फेंका।
नीरज की रणनीति काम कर गई
नीरज ने चौथी और पांचवीं कोशिश में फाउल होने के बाद अपनी आखिरी यानि छठी कोशिश में 84.24 मी. दूरी पर भाल फेंका, लेकिन उनके स्वर्ण पदक का आधार बनी दूसरी कोशिश में मापी गयी 87.58 की दूरी. इस दूरी को न पाकिस्तानी अरशद नदीम ही भेद सके और न ही कोई दूसरा एथलीट. इससे नीरज चोपड़ा की रणनीति भी साफ हो गयी कि उन्होंने अपनी सारी ताकत और ऊर्जा शुरुआती कोशिशों में ही लगा दी और इस प्रयास ने उन्हें वह दिला दिया, जो भारतीय खेल इतिहास में हमेशा सुनहरे अक्षरों में लिखा जाएगा.
बधाइयों की बारिश शुरू
भारत को 13 साल बाद स्वर्ण पदक मिला है। बीजिंग ओलंपिक 2008 में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में सोना जीता था। व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण जीतने वाले वे पहले भारतीय खिलाड़ी थे। नीरज चोपड़ा ऐसे दूसरे भारतीय हो गए हैं। नीरज की इस सफलता पर उन्हें तमाम राजनेताओं सहित आम लोगों ने बधाई दी है और हरियाणा सहित पूरे देश में जश्न का माहौल है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस प्रदर्शन को अभूतपूर्व क़रार दिया और कहा कि जैवलिन थ्रो ने सभी बाधाएं तोड़ दीं और इतिहास रच दिया। उन्होंने नीरज चोपड़ा से कहा कि आपने अपने पहले ओलंपिक में ही ट्रैक एंड फ़ील्ड का पहला स्वर्ण पदक जीत लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संदेश में लिखा है कि नीरज ने टोक्यो में इतिहास रच दिया है और उनकी इस उपलब्धि को हमेशा याद रखा जाएगा।
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