पीएचडी के लिये मास्टर डिग्री की अनिवार्यता खत्म...यूजीसी ने किया बड़ा बदलाव

PhD, Master's degree mandatory, UGC made a big change, Jagdish Kumar, Khabargali

नई दिल्ली (khabargali) अब चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्र अब सीधे पीएचडी कर सकेंगे। गुरूवार को यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार ने इस महत्वपूर्ण नये नियम की घोषणा करते हुए बताया कि चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले छात्र सीधे पीएचडी कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें मास्टर डिग्री की आवश्यकता नहीं होगी। UGC के नए नियमों के अनुसार, जिन उम्मीदवारों ने न्यूनतम 7.5 सीजीपीए के साथ अपना 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी, FYUP) पूरा कर लिया है, वे मास्टर कार्यक्रम पूरा किए बिना पीएचडी प्रवेश के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिन लोगों का सीजीपीए 7.5 से कम है, उन्हें पीएचडी प्रवेश के लिए पात्र होने के लिए एक साल की मास्टर डिग्री करनी होगी। हालांकि, आयोग ने आरक्षित श्रेणियों और आर्थिक रूप से कमजोर आवेदकको 0.5 सीजीपीए की छूट दी गई है।

वहीं इस संबंध में पीटीआई ने एक ट्वीट किया है। यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि यह नया नियम ग्रेजुएशन के छात्रों को शोध के प्रति झुकाव रखने में भी मदद करेगा। बता दें कि मार्च में पीएचडी ड्राफ्ट में नए नियम जोड़े गए थे और हितधारकों की प्रतिक्रिया और टिप्पणियों के लिए भेजे गए थे चूंकि अब नियमों को मंजूरी दे दी गई है, इसलिए शैक्षणिक सत्र 2022-23 से इनके अमल में आने की उम्मीद है।