पटना (khabargali) वेब बैठक समारोह का २८वां एपिसोड एक शास्त्रीय कार्यक्रम के साथ हुआ। मुख्य कलाकार पटना से श्री अनुदीप डे के गायन से यह कार्यक्रम क्रिसमस के दिन बेहद सुमधुर ढंग से प्रसारित हुआ। श्री डे ने राग हंसध्वनि से अपनी प्रस्तुति शरू की जिसमे उन्होंने विलंबित एकताल में एक बंदिश तथा द्रुत तीनताल में छोटा खयाल गा कर ऑनलाइन दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।अपनी शास्त्रीय दक्षता को प्रमाणित करने के उपरांत श्री अनुदीप डे ने राग मिश्र खमाज में एक ठुमरी,"कौन गली गयो श्याम" तथा इसके उपरांत राग मिश्र पहाड़ी में एक सुप्रसिद्ध भजन, "जमुना किनारे मेरो गाँव, सांवरे अयि जइयो" की प्रस्तुति की। कार्यक्रम में इनके साथ तबले पर संगत करते हुए बिहार के जाने माने कलाकार श्री शांतनु रॉय जी तथा हारमोनियम पर संगत श्री मोहित मयंक जी ने किया।
इस महामारी के दौरान कलाकार का समर्थन करने और उसे प्रोत्साहित करने के लिए हर शुक्रवार को वेब की मेजबानी करते हुए प्राचीन कला केंद्र प्रतिबद्धता के साथ अपनी भूमिका निभा रहा है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वैश्विक महामारी कोरोना के चलते कहीं भी किसी भी तरह का शास्त्रीय कार्यक्रम नहीं हो रहा है, इसलिए कलाकार अपने मंच को याद कर रहे हैं, प्राचीन कला केंद्र ने लगातार कलाकार का समर्थन किया, हर कलाकार को ऑनलाइन मंच प्रदान करने के लिए ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहै है। प्राचीन कला केंद्र, चंडीगढ़ एक प्रमुख शैक्षणिक संगठन है, जो 1956 में अपनी स्थापना के बाद से भारतीय शास्त्रीय संगीत, नृत्य और ललित कला (चित्रकला) के प्रचार, संरक्षण और प्रसार के लिए तुर्क सेवा कर रहा है।
आयोजन की उक्त जानकारी प्राचीन कला केंद्र की शिल्पा मित्रा ने ख़बरगली को दी।
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