राजधानी के तीन मूक-बधिर बच्चों को स्काउट्स एंड गाइड्स का गोल्डन एरो अवार्ड

Three deaf and dumb children of the capital were awarded the Golden Arrow Award of Scouts and Guides, Tikeshwar, Ayush Chakradhari and Mahendra Sahu, students of Arpan Divyang Public School located in Bajaj Colony, New Rajendra Nagar, Raipur, Chhattisgarh, Khabargali

अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल के हैं विद्यार्थी

रायपुर (खबरगली) राजधानी के मूक-बधिर तीन नन्हे विद्यार्थियों को स्काउट एंड गाइड्स के सर्वोच्च राष्ट्रीय गोल्डन एरो अवार्ड से नवाजा गया है। यह छत्तीसगढ़ राज्य के लिए गौरव की बात है। ये तीनों मूक-बधिर बच्चे क्रमश: टिकेश्वर, आयुष चक्रधारी एवं महेन्द्र साहू बजाज कालोनी, न्यू राजेंद्र नगर स्थित अर्पण दिव्यांग पब्लिक स्कूल के विद्यार्थी हैं। ये बच्चे भले ही बोल-सुन नहीं सकते किन्तु इन बच्चों के दिमाग बहुत तेज है। इनमें सीखने की ललक है। न केवल पढ़ाई में बल्कि खलेकूद, नृत्य, मूर्तिकला, कम्प्यूटर में भी साधारण बच्चों से ज्यादा तेज हंै। स्कूल प्रबंधन द्वारा इनकी प्रतिभाओं को साइन लैंग्वेज के शिक्षकों तथा प्रशिक्षकों के माध्यम से निखारा जा रहा है।

तीनों बच्चों ने स्काउटिंग की शुुरुआत 'कबÓ से की थी। स्काउटिंग में इस उम्र के बच्चों के कब (छात्र) तथा बुलबुल (छात्रा) को कहा जाता है। इनकी टे्रनिंग स्काउट्स एण्ड गाइड्स के राज्य मुख्यालय झांकी में हुई थी। इन्हें गल्र्स साल्क लीडर मोनिका गुप्ता, दीपक व आशीष ने प्रशिक्षण दिया था। इनके शानदार प्रदर्शन को देखते हुए इन्हें गोल्डन एरो अवार्ड से सम्मानित किया है। अवार्ड की घोषणा पलवल के गडपुरी में चीफ कमिश्नर नेे की। स्काउट्स एण्ड गाइड्स में इससे बड़ा अवार्ड नहीं होता है। अब इन बच्चों का स्काउटिंग का मुख्य सफर प्रारंभ हो जाएगा। अर्पण कल्याण समिति के संरक्षक प्रमोद दुबे, अध्यक्ष प्रकाश शर्मा, उपाध्यक्ष धनंजय त्रिपाठी, कोषाध्यक्ष विरेन्द्र शर्मा तथा प्राचार्य कमलेश शुक्ला ने बच्चों को बधाई दी है।

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