सीहोर में कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कार्य़क्रम में रुद्राक्ष लेने पहुंचे करीब 10 लाख लोग.. 17 किमी का जाम, कांग्रेस ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा
सीहोर (khabargali) कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष महोत्सव को लेकर बवाल मच गया है। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से मात्र 40 किलोमीटर की दूरी पर पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के चलते भारी भीड़ की स्थिति बन गई है।सात दिवसीय रुद्राक्ष महोत्सव के पहले दिन गुरुवार को ही अनुमान से कहीं अधिक लोगों के पहुंचने से हालात बिगड़ गए। पांच लाख लोगों के आने की बात कहते हुए व्यवस्थाएं की गई थीं, लेकिन गुरुवार सुबह तक ही श्रद्धालुओं की संख्या करीब 10 लाख से ज्यादा हो गई कि व्यवस्थाएं ध्वस्त हो गई।
पिछले 10 घंटों से भोपाल-इंदौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कुबेरेश्वर धाम के दोनों ओर 17-17 किमी का जाम लग गया और लाखों लोग जाम में फंस गए। इसके अतिरिक्त धाम परिसर में भी रुद्राक्ष लेने के लिए कतारों में लगे लोग बुरी तरह फंस गए। भीड़ इतनी थी कि पांच लाख की क्षमता वाले परिसर में कंधे से कंधे टकरा रहे थे, रुद्राक्ष लेने के लिए कतारों में लगे लोगों का दम घुट रहा था। भीड़ में फंसे लोगों को पानी तक नहीं मिल सका और कई लोगों की हालत बिगड़ गई ।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार भारी भीड़ के चलते अब तक करीब दो हजार के बीमार हो जाने, एक महिला की मृत्यु और तीन महिलाओं के लापता हो जाने के समाचार हैं। जिन्हें स्वजन एनांउस, इंटरनेट आदि माध्यमों से तलाशने के प्रयास करते नजर आए ऐसी स्थिति पर नियंत्रण करना जिले के कलेक्टर और एसपी की संवैधानिक जिम्मेदारी है । यह चुनावी साल है भीड़ के लालच में शिवराज सिंह चौहान और कमलनाथ दोनों इस कार्यक्रम में आने वाले थे। इसके कारण भी स्थानीय जिला प्रशासन दबाव में नजर आ रहा है।अब इस घटना पर कांग्रेस पार्टी ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा है।
छत्तीसगढ़ से आई महिला लापता
महोत्सव के दौरान 10 से अधिक महिलाएं लापता हो गईं हैं। इनमें एक महिला छत्तीसगढ़ के भिलाई से आई हैं। दूसरी राजस्थान के गंगापुर की रहने वाली हैं, तीसरी महाराष्ट्र के बुलढाणा की रहने वाली बताई जा रही हैं। बताया जा रहा है कि छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से ज्यादा लोग वहां पहुंचे हैं। श्रद्धालुओं के लिए छाया के इंतजाम नहीं हैं। 10-10 घंटे धूप में खड़े होने से लोग चक्कर खाकर बेहोश हो रहे हैं।
₹50 लीटर पानी, मोबाइल और ट्रैफिक दोनों जाम
हजारों लोग सड़क पर जाम में फंसे हैं। ऐसे समय में मदद के लिए मोबाइल ही सबसे बड़ा साधन है, लेकिन भीड़ के कारण मोबाइल टावरों पर ज्यादा लोड होने के कारण नेटवर्क फेल हो गया है और लोग एक दूसरे से सम्पर्क भी नहीं कर पा रहे हैं।वातावरण में ऑक्सीजन लेवल कम हो रहा है। भीड़ के कारण लगभग 3000 लोग बीमार हो चुके हैं। जो लोग अंदर फंसे हुए हैं उनका बाहर निकलना असंभव सा लग रहा है।आलम यह है कि लोगों को न खाना मिल रहा, न पानी। हालात यह है कि 1 लीटर पानी के लिए ₹50 अदा करने पड़ रहे हैं।
मुख्यमंत्री का कार्यक्रम निरस्त
ट्रैफिक की स्थिति नियंत्रण के बाहर हो चुकी है। व्यवस्थाएं पूरी तरह से ध्वस्त हो गई हैं। सब कुछ भगवान भरोसे चल रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे परंतु उनका कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया। समाचार लिखे जाने तक भीड़ को नियंत्रित करना तो दूर की बात, कुबेरेश्वर धाम आए लोगों को पानी पिलाने तक का इंतजाम नहीं था। ऐसा लग रहा है, आज की रात बहुत भारी पड़ने वाली है।
ऐसे ढह गई व्यवस्थाएं
कुबेरेश्वर धाम में बुधवार रात तक ही पंडाल भर गए थे, वहीं जगह न मिलने से श्रद्धालु होटलों, लाज से लेकर ग्रामीणों के घर और खुले मैदानों तक में ठहरे हुए थे। पहले दिन गुरुवार सुबह से ही हजारों वाहनों में श्रद्धालु धाम की ओर पहुंचने लगे। 70 एकड़ की पार्किग पूरी तरह भर गई। व्यवस्था संभाल रहे एक हजार पुलिसकर्मी भी लाचार हो गए। सुबह ही 10 बजे तक ही इंदौर-भोपाल राजमार्ग पर 10-10 किमी व इछावर-भाऊखेड़ी से कोठरी जाने वाले मार्ग पर भी सात किमी का जाम लग गया था। हालत यह बनी कि दोपहर 12 बजे के बाद वाहनों को सात से आठ किमी पीछे रोका जाने लगा और लोग पैदल ही कुबेरेश्वर धाम पहुंचना शुरू हो गए। वहीं रुद्राक्ष वितरण के लिए बनाए गए जिगजैग की जालियां व बल्लियां टूट गई। जायजा लेने पहुंचे कलेक्टर-एसपी के वाहन सहित व्यव्स्था संभालने जा रहे पुलिसकर्मी तक भी जाम में फंस गए।
रेलवे स्टेशन से लेकर बस स्टैंड तक हर जगह भीड़
सीहोर रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर बाहर से यात्रियों की भारी भीड़ लगी हैं। कुबेरेश्वर धाम पहुंचने के लिए ऑटो रिक्शा और बस चलाने वाले भी मनमाने दाम मांग रहे हैं। जाम लगा होने की वजह से भी परेशानी आ रही है। इंदौर और भोपाल के रास्ते से आ रहे हजारों यात्री अब भी फंसे हुए हैं। सबसे ज्यादा भीड़ टोल टैक्स नाकों पर देखी जा रही है, जहां कई-कई किलोमीटर तक वाहन खड़े हैं।
पंडित मिश्रा के अनुसार खास है यह रुद्राक्ष
पंडित प्रदीप मिश्रा अपनी कथाओं में रुद्राक्ष की महिमा का बखान करते रहते हैं। उनके अनुसार यह रुद्राक्ष पानी में डालना है और उस पानी को पीना है। इससे हर समस्या दूर हो जाती है। नक्षत्र खराब हो तो वह भी ठीक हो जाते हैं। बीमारी समेत हर संकट दूर हो जाता है।
पंडित मिश्रा बोले- मौत आनी है तो आएगी ही
बता दें कि इस कुबेश्वर धाम में 16 से 21 फरवरी के बीच हर दिन 24 घंटे 30 काउंटरों से रुद्राक्ष बांटे जाएंगे. सात दिन में करीब 24 लाख रुद्राक्ष बांटने का लक्ष्य रखा गया है शिव महापुराण कथा के दौरान पंडित प्रदीप मिश्रा ने गुरुवार को कहा कि लोग मौत से डरते हैं। इस वजह से केदारनाथ नहीं जाना चाहते। ठंड का बहाना बनाते हैं। वहां कुछ होने का डर उन्हें सताता है।उन्हें यह समझना चाहिए कि यदि मौत को आना है तो वह आएगी ही। आप घर में पड़े-पड़े मर जाओगे। आप सात तालों में बंद रहोगे, तब भी मौत आ ही जाएगी। पंडित मिश्रा ने कहा कि जो लोग रुद्राक्ष के लालच में आ रहे हैं, वे न आएं। टिकट कैंसिल करा दें। महादेव के लिए आएं। रुद्राक्ष के लिए आने की आवश्यक्ता नहीं है। इसके बाद अस्थायी तौर पर रुद्राक्ष वितरण भी रोक दिया गया है।
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