दुकान से लूटे गए जेवरात और हत्या में प्रयुक्त 2 कट्टे बरामद..सुपारी किलिंग का पुलिस को शक..आगे होगा खुलासा
दुर्ग (khabargali) कहा जाता है कि अपराध के बाद अपराधी अपने निशान छोड़ जाता है, इस टेक्नोलॉजी के दौर में सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल ट्रैकिंग की सहायता से अपराधी बच नहीं पाते और जल्द ही पकड़ें जाते हैं। राजधानी से लगे अमलेश्वर स्थित समृद्धि ज्वेलर्स के संचालक की दिनदहाड़े हत्या एवं लूट के मामले में भी यही हुआ कि पुलिस ने 24 घंटे से भी कम समय में इसे सुलझा लिया। वारदात में संलिप्त सभी चार आरोपियों को पुलिस ने उत्तरप्रदेश के बनारस में लोकल पुलिस की मदद से गिरफ्तार किया है। इनको ट्रांजिट रिमांड पर लेते हुए पुलिस उन्हें दुर्ग ला रही है। आरोपियों के रविवार तक दुर्ग पहुंचने की संभावना है। आरोपियों से लूट के जेवरात और दो देशी कट्टा बरामद किया गया है। घटना को अंजाम देने के बाद आरोपी गया (बिहार) भागने की फिराक में थे, लेकिन इसके पहले ही पुलिस ने इन्हें दबोच लिया। पुलिस की पूछताछ में यह बात सामने आ रही है कि वारदात का उद्देश्य लूट की बजाय दुकान संचालक सुरेंद्र सोनी की हत्या का था। घटना को अंजाम दिलाने में सुरेंद्र के रिश्तेदारों की भी भूमिका होने की संभावना को ध्यान में रखकर पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के मुताबिक इसमें मृतक के कुछ रिश्तेदारों की भी संलिप्तता मानी जा रही है जिसका आरोपियों से पूछताछ में खुलासा होगा।
पुलिस को भ्रमित कर ऐसे भागे
दो आरोपी दुकान में घुसे थे, एक आरोपी मोटरसाइकिल लेकर थोड़ी दूर पर रुका हुआ था। वहीं कार लेकर चौथा आरोपी कुछ दूरी पर तैयार खड़ा था। पुलिस को भ्रमित करने के लिए मोटरसाइकिल को रोड के किनारे झाडि़यों के पास खड़ी करके आरोपी कार से फरार हो गए। फिर बिलासपुर टोल प्लाजा पास करके अन्य शहर के लिए रवाना हो गए थे।
24 घंटे के भीतर ऐसे पुलिस सफल रही
दुर्ग पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक पल्लव ने बताया कि घटना को अंजाम देने के बाद सभी आरोपी आरंग की ओर फरार हो गए थे। फुटेज के आधार पर पुलिस ने आरोपियों की पहचान कर ली थी। दुर्ग से कार के सीसीटीवी फुटेज, टोल नाका पर फुटेज और मोबाइल के लोकेशन आदि को ट्रेस करते हुए पुलिस की टीम उनके पीछे लगी रही। जितने भी टोल प्लाजा से आरोपियों की कार गुजरी, वहां से आरोपियों के फरार होने की दिशा की जानकारी पुलिस को होते गई। घटना से संबंधित सीसीटीवी फुटेज पत्रकारों को वायरल किया गया था। उक्त फुटेज को देखने के बाद आरंग के एक ढाबा संचालक ने इस बात की पुष्टि की, कि आरोपी उनके यहां आकर रुके थे। उसी तरह जब्त मोटर साइकिल का नंबर ट्रेस करने पर उसके मालिक से पूछताछ की गई, तो उन्होंने सौरभ सिंह को मोटर साइकिल बेचना बताया। उससे सौरभ सिंह का मोबाइल नंबर लिया गया, जो बंद था। तब पुलिस ने उसके नए मोबाइल नंबर का पता लगाया। इसी तरह कार का नंबर पता चलने पर उसके मालिक से बात की गई, तो उन्होंने 6 महीने पूर्व वाहन बेचने की बात बताई, जो अभिषेक कुमार झा का नाम सामने आया है। साइबर क्राइम के टीआई संतोष मिश्रा सहित 4 सदस्यीय टीम लगातार मुस्तैदी के साथ आरोपियों के पीछे लगे रहे और आखिर में चारों बनारस में पकड़े गए।
यह आरोपी बनारस में हुए गिरफ्तार
पुलिस ने आरोपी सौरभ कुमार सिंह पिता अर्जुन सिंह उम्र 24 वर्ष निवासी ग्राम दंडीबाग थाना गया जिला गया, अभय कुमार भारती उर्फ बाबू पिता वंशराज भारती उम्र 18 वर्ष निवासी बामणिया थाना धानापुर जिला चंदौली, आलोक कुमार यादव पिता सत्येंद्र यादव उम्र 18 वर्ष निवासी ग्राम पहलेजा सापुदियारा थाना सोनपुर छपरा तथा अभिषेक कुमार झा पिता अवध किशोर झा निवासी ग्राम रजला जिला मुजफ्फरपुर को गिरफ्तार किया है । इसमें से एक आरोपी अभिषेक झा एक वर्ष पूर्व रायपुर कोर्ट से पेशी के दौरान फरार हो चुका था।
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