संकट मोचक हनुमान जी से लें : संकटों का सामना करने की सत्प्रेरणा

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पढ़ें हनुमानजी के चरित्र के ये 12 विशेष गुण

ख़बरगली (फीचर डेस्क) भारतीय परंपरा में श्रीराम के अनन्य भक्तों में एक हनुमान जी के 10 सुप्रसिद्ध नामों में से एक है । जन सामान्य के साथ ही महान जन नायकों के विपत्ति काल में भी श्री हनुमान जी संकट मोचक सिद्ध हुए हैं । मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन में आए अनेक संकटों के समय श्री हनुमान ने उन्हें ढांढस बढाते हुए संकटों से उबारकर संतुष्ट किया । ऐसा विश्वास किया जाता है कि बड़ी-बड़ी समस्याओं का हल बहुत सरलता से चुटकियों में निकालकर प्रस्तुत करने मे हनुमान जी को जो महारत हासिल है, वह अन्यत्र दुर्लभ है । कोविड 19 के कारण आई वैश्विक आपदा के इस काल में आवश्यकता इस बात की है कि आरोप- प्रत्यारोप पर बहस में अपना समय नष्ट न करते हुए हम संकट मोचन हनुमान के दिव्य चरित्र से कुछ प्रेरणा ग्रहण करें। हनुमानजी के पूजन अर्चन के साथ ही हम उनके चरित्र से 'सफल जीवन प्रबंधन' और वर्तमान परिस्थितियों में विशेष रूप से आपदा प्रबंधन के कुछ उपाय सीखकर उन्हें आत्मसात करें, और भीषण विनाशकारी इस आपातकाल में इन श्रेष्ठ उपायों के अनुसार आचरण करते हुए अपने देश भारत वर्ष को श्रेष्ठता के सर्वोच्च शिखर पर पहुँचने में योगदान करें ।हनुमानजी के चरित्र के कुछ विशेष गुण जिन्हें सरलता से अपनाने पर हम आपदाओं का दृढता पूर्वक सामना करने में सफल होकर सुखी जीवन व्यतीत कर सकते हैं।

1. भावनाओं का संतुलन

अनुकूल -प्रतिकूल सभी परिस्थितियों में अपनी भावनाओं का संतुलन बनाए रखने का गुण हमें हनुमानजी से सीखने की आवश्यकता है,ताकि भावनाओं के बहाव में दिशा भ्रम के कारण भटकने की स्थिति उत्पन्न नहीं हो ।

2. बहुमुखी भूमिका का निर्वहन

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा । विकट रूप धरि लंक जरावा। ये पंक्तियाँ सिद्ध करती हैं कि हनुमानजी ने अपनी प्रत्येक भूमिका के साथ न्याय किया ।उनके जीवन से हम यह सीखें ।

3. बौद्धिक कुशलता

हनुमानजी ने वानरराज सुग्रीव और अपने प्रभु श्रीराम दोनों के कार्यों का संपादन करते हुए अद्भुत बौद्धिक कुशलता और आदर्श स्वामी भक्ति का जो उदाहरण प्रस्तुत किया वह अनुकरणीय है।

4. समर्पण

ज्ञान के प्रति पूर्ण समर्पण के भाव के कारण ही बजरंग बली अष्ट सिद्धि तथा नव निधि के स्वामी हुए और अष्ट सिद्धि - नव निधि के दाता के रूप में पूज्य हैं ।

5 . संवाद कौशल

कपि के वचन सप्रेम सुनि, उपजा मन विश्वास । ये शब्द प्रमाणित करते हैं कि जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में सफलता के लिये सामान्य बातचीत की नहीं बल्कि संवाद कौशल की महत्वपूर्ण भूमिका होती है । अत: हनुमानजी के जीवन से संवाद कौशल का गुण विशेष रूप से सीखना चाहिए।

6. विनम्रता

जीवन में अपने इच्छित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिये योग्यता और सामर्थ्य के साथ विनम्रता का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है ।इस कथन की पुष्टि हनुमानजी के अनेक कार्यों की सफलता में विनम्रता के योगदान से होती है।

7. समस्या का समाधान खोजें

समय समय पर जीवन में आने वाली समस्याओं के समाधान तुरन्त खोजने में कौशल का प्रयोग कैसे किया जाए इसकी सीख हमें हनुमानजी द्वारा संजीवनी बूँटी के लिये पर्वत उठा लाने के उदाहरण से मिलती है ।

8. मधुर संबंध बनाए रखना

सभी प्रकार के संबंधों की मधुरता बनाए रखने के लिये हनुमानजी के चरित्र से यह सीखें कि थोड़ी भी गलत फहमी न पनपने दें ,और यदि कहीं ऐसा होता है., तो गलतफहमी को तुरन्त दूर करें ।

9. नेतृत्व क्षमता और आत्म विश्वास 

समुद्र पर पुल बनाते समय वानर सेना को संगठित करने और राम- रावण युद्ध के समय वानर सेना का नेतृत्व जिस सूझ- बूझ के साथ बजरंग बली ने किया. वह सिद्ध करता है कि आत्म विश्वास और अच्छी नेतृत्व क्षमता हो तो अति साधारण प्राणियों से भी बडे बड़े कार्य करवाए जा सकते हैं ।निश्चित रूप से अनुकरणीय गुण है।

10. आदर्शों से समझौता नहीं 

युद्ध स्थल पर मेघनाद द्वारा जो ब्रह्मास्त्र साधा गया ,उसका तोड़ बजरंग बली जानते थे , किन्तु हमारे आदर्शों का मान हमें रखना ही चाहिए , इसे उन्होंने अपने आचरण से सिद्ध किया , जिसकी पुष्टि के लिये कहा गया है.... ब्रह्मास्त्र तेहि साधा,कपि मन कीन्ह विचार। जो न ब्रह्मास्त्र मानउं ,महिमा मिटहि अपार ।।

11. आत्मविमुग्धता से बचना

 बजरंग बली बड़े बड़े असाधारण कार्यों में अपनी सामर्थ्य के बल से सफलता प्राप्त कर लेते हैं किन्तु सफलता का श्रेय अपने प्रभु श्रीराम को देते हुए विनम्रतापूर्वक निवेदन करते हैं .. ता कहूँ प्रभु कछु अगम नहीं ,जा पर तुम्ह अनुकूल ।

12  अनुशासन

जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नियमों का पालन आज की परिस्थितियों में और अधिक महत्वपूर्ण हो गया है । हनुमान जी के जीवन से अनुशासन के पालन की सीख हम सभी को ग्रहण करनी चाहिए । अनुशासित रहते हुए सुनियोजित ढंग से काम करने पर बड़े से बड़े संकट का सामना कैसे किया जाए , इस बात की सीख हनुमान जी के चरित्र से मिलती है । बजरंग बली के चरित्र के ये गुण सफल जीवन प्रबंधन और आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अत्यंत उपयोगी माने जा रहे हैं।

-उर्मिला देवी उर्मि,

साहित्यकार , समाज सेवी शिक्षाविद, रायपुर, छत्तीसगढ़, भारत

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