’’श्रीमद् भागवत् कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह’’ आगामी 26 जनवरी से 02 फरवरी 2020 तक बी.टी.आई.मैदान, शंकरनगर में

Kaushik ji maharaj raipur khabargali, bhagwat katha
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रायपुर (khabargali) ’’श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के आयोजन का संकल्प ’’सुरभि जन जागरण सेवा समिति, रायपुर’’ द्वारा किया गया है। उक्त श्रीमद् भागवत का समय दोपहर 2.00 बजे से 6.00 बजे तक होगा एवं कथा का सीधा प्रसारण सत्संग चैनल के माध्यम से 150 देषो में प्रसारित किया जावेगा। श्रीमद् भागवत कथा के कथाव्यास’’अंतर्राष्ट्रीय संत पुराण मनीषी परम पूज्य आचार्य श्री कौषिक जी महाराज’’ वृंदावन होंगे। महाराजश्री गौमाता के संवर्धन एवं संरक्षण हेतु सतत रूप से प्रयासरत हैं एवं देश में अनेक स्थानों पर गौशालाओं का संचालन कर रहे हैं। उक्त आयोजन हेतु कथाव्यास पुराणमनीषी परमपूज्य आचार्य श्री कौषिकजी महाराज अपने 25 सदस्यीय शास्त्री, पुरोहित एवं संगीतज्ञों के साथ वृंदावन से पधारेंगे एवं जगन्नाथ मंदिर, गायत्री नगर में रहेंगे। कथा में प्रतिदिन छत्तीसगढ़ के विभिन्न धर्मो के धर्मगुरू पधारेंगे। समिति द्वारा धर्मगुरूओं को प्रत्यक्ष आमंत्रण देकर सहमति प्राप्त की गई है। दिनांक 26 जनवरी 2020 को भव्य कलश यात्रा 12.00 बजे जगन्नाथ मंदिर, गायत्री नगर से प्रारंभ होकर बी.टी.आई. ग्राउण्ड, शंकरनगर पहुंचेगी। कार्यक्रम स्थल बी.टी.आई. में कथा समापन उपरांत भक्तों को प्रतिदिन प्रसादी खिचड़ी वितरण किया जावेगा। जगन्नाथ मंदिर, गायत्री नगर में प्रतिदिन प्रातः 6.00 बजे से भगवान भोलेनाथजी का अभिषेक एवं सुन्दरकाण्ड का पाठ सभी भक्तों के साथ किया जावेगा। जगन्नाथ मंदिर में भी प्रतिदिन भक्तों हेतु भण्डारा रखा गया है। समापन दिनांक 02 फरवरी को महाभंडारे का आयोजन बी.टी.आई ग्राउण्ड में किया जावेगा।

इसी तारतम्य में राजधानी में महाराजश्री के मुखारबिन्द से श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान सप्ताह का आयोजन संकल्पित किया गया है। जिसका मूल उद्देश्य गौसेवा संवर्धन, सरंक्षण एवं धर्म जागरण जैसे अत्यंत संवेदनशील विषयों के बारे में समाज के सभी वर्गो का ध्यान संस्कार, संस्कृति की ओर आकर्षित करना है। विषेष रूप से हमारे युवा वर्ग का ध्यान आकर्षित करना है क्योंकि जिस प्रकार से हमारे समाज में आज पाश्चात्य संस्कृति हावी होती जा रही है और अपनी मूल संस्कृति को हम भूलते जा रहे हैं, ऐसे परिदृश्य में इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से निश्चित रूप से हमें अपनी महान मूल संस्कृति के बारे में जानने समझने का अवसर मिलेगा।

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