सूर्य और चन्द्र के अशुभ होने के पूर्व संकेत -  अजित शास्त्री गुरुजी

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सूर्य के अशुभ होने के पूर्व संकेत

 • सूर्य अशुभ फल देने वाला हो, तो घर में रोशनी देने वाली वस्तुएँ नष्ट होंगी या प्रकाश का स्रोत बंद होगा। जैसे – जलते हुए बल्ब का फ्यूज होना, तांबे की वस्तु खोना।
• किसी ऐसे स्थान पर स्थित रोशनदान का बन्द होना, जिससे सूर्योदय से दोपहर तक सूर्य का प्रकाश प्रवेश करता हो। ऐसे रोशनदान के बन्द होने के अनेक कारण हो सकते हैं। जैसे – अनजाने में उसमें कोई सामान भर देना या किसी पक्षी के घोंसला बना लेने के कारण उसका बन्द हो जाना आदि।
• सूर्य के कारकत्व से जुड़े विषयों के बारे में अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सूर्य जन्म-कुण्डली में जिस भाव में होता है, उस भाव से जुड़े फलों की हानि करता है। यदि सूर्य पंचमेश, नवमेश हो तो पुत्र एवं पिता को कष्ट देता है। सूर्य लग्नेश हो, तो जातक को सिरदर्द, ज्वर एवं पित्त रोगों से पीड़ा मिलती है। मान-प्रतिष्ठा की हानि का सामना करना पड़ता है।
• किसी अधिकारी वर्ग से तनाव, राज्य-पक्ष से परेशानी।
• यदि न्यायालय में विवाद चल रहा हो, तो प्रतिकूल परिणाम।
• शरीर के जोड़ों में अकड़न तथा दर्द।
• किसी कारण से फसल का सूख जाना।
• व्यक्ति के मुँह में अक्सर थूक आने लगता है तथा उसे बार-बार थूकना पड़ता है।
• सिर किसी वस्तु से टकरा जाता है।
• तेज धूप में चलना या खड़े रहना पड़ता है।
 

 चन्द्र के अशुभ होने के पूर्व संकेत 

• जातक की कोई चाँदी की अंगुठी या अन्य आभूषण खो जाता है या जातक मोती पहने हो, तो खो जाता है ।
• जातक के पास एकदम सफेद तथा सुन्दर वस्त्र हो वह अचानक फट जाता है या खो जाता है या उस पर कोई गहरा धब्बा लगने से उसकी शोभा चली जाती है ।
• व्यक्ति के घर में पानी की टंकी लीक होने लगती है या नल आदि जल स्रोत के खराब होने पर वहाँ से पानी व्यर्थ बहने लगता है । पानी का घड़ा अचानक टूट जाता है ।
• घर में कहीं न कहीं व्यर्थ जल एकत्रित हो जाता है तथा दुर्गन्ध देने लगता है ।

उक्त संकेतों से निम्नलिखित विषयों में अशुभ फल दे सकते हैं:

• माता को शारीरिक कष्ट हो सकता है या अन्य किसी प्रकार से परेशानी का सामना करना पड़ सकता है ।
• नवजात कन्या संतान को किसी प्रकार से पीड़ा हो सकती है ।
• मानसिक रुप से जातक बहुत परेशानी का अनुभव करता है ।
• किसी महिला से वाद-विवाद हो सकता है ।
• जल से जुड़े रोग एवं कफ रोगों से पीड़ा हो सकती है । जैसे – जलोदर, जुकाम, खाँसी, नजला, हेजा आदि ।
• प्रेम-प्रसंग में भावनात्मक आघात लगता है ।
• समाज में अपयश का सामना करना पड़ता है । मन में बहुत अशान्ति होती है ।
• घर का पालतु पशु मर सकता है ।
• घर में सफेद रंग वाली खाने-पीने की वस्तुओं की कमी हो जाती है या उनका नुकसान होता है । जैसे – दूध का उफन जाना ।
• मानसिक रुप से असामान्य स्थिति हो जाती है ।

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