5 दिन का सत्र निकाय चुनाव इफेक्ट के चलते तीसरे दिन खत्म !
रायपुर (khabargali) विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज सदन के तीसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ गया। दो दिन पहले भी सदन को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। 13 दिसंबर से सत्र शुरू हुआ था और पूर्व घोषित कार्यक्रम के मुताबिक सत्र पांच दिन का होना था। विधानसभा अध्यक्ष ने आज दोपहर बाद सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने की घोषणा कर दी। पहले दिन दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद स्थगित हो गया था। दूसरे और तीसरे दिन केवल हंगामा होते रहा। हालांकि इस बीच अनुपूरक बजट पारित होने के साथ 5 विधेयकों को हरी झंडी मिल गई।अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा के सदस्य अनुपस्थित रहे।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि चूंकि 20 दिसंबर को निकाय चुनाव के लिए मतदान है और अधिकांश विधायकों को चुनाव प्रबंधन का जिम्मा मिला हुआ है जिसमें कांग्रेस व भाजपा दोनों के नेता शामिल हैं। सत्र यदि आगे चलता रहता तो क्षेत्रों में दौरा और बैठकों के दौर के चलते इन्हे सदन में समय दे पाना मुश्किल होता। निकाय चुनाव इफेक्ट के चलते अधिकांश नेता सत्र में सक्रिय भागीदारी नहीं निभा पा रहे थे और चर्चा भी हो रही थी कि सत्र समय से पहले खत्म हो जायेगा और हुआ भी ऐसा ही।
सीएम भूपेश केंद्र सरकार पर किया हमला
आज चर्चा का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और भाजपा पर जमकर हमला किया। कहा कि राज्य में भाजपा नेतृत्व के संकट से जूझ रही है। उन्होंने कहा कि संविधान में भारत को संघों की सरकार कहा गया है लेकिन इन लोगों ने संघियों की सरकार बना दी है।
धान के मुद्दे पर भगत व रमन में नोक झोंक
अनूपूरक बजट के दौरान भाजपा ने पिछले साल धान उठाव में देरी पर खरीदी केंद्रों में धान के नुकसान और खुले बाजार में धान बेचने पर हुए नुकसान का मुद्दा उठाया। डा. रमन सिंह के सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत के बयान पर भाजपा ने आपत्ति जताई। पूर्व मुख्यमंत्री डा.रमनसिंह के पूरक सवाल पर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि पिछले साल धान का उठाव नहीं होने के कारण 524 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस पर रमन सिंह ने कहा कि मंत्री का जवाब गलत है धान का उठाव व परिवहन नहीं होने के कारण 900 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस बीच मंत्री ने कुछ बातें कही जिससे पूरा विपक्ष उखड़ गया और गर्भगृह तक पहुंच कर मंत्री से माफी मांगने पर अड़ गए। हालांकि अध्यक्ष ने मंत्री की बात को सदन से विलोपित कर दिया,लेकिन सदस्यों के अड़े रहने पर भाजपा के सभी विधायकों को सदन से निलंबित कर दिया गया। अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को समझाने की पूरी कोशिश करते हुए यह भी कहा कि यह मंत्री के विवेक के ऊपर निर्भर करता है कि चाहें तो वे खेद व्यक्त कर सकते हैं। दो मिनट बाद निलंबित सदस्यों के निलंबन अवधि खत्म होने की जैसे ही अध्यक्ष ने घोषणा की सभी सदस्य फिर से लौट आए। हालांकि इस बीच विधायक अजय चंद्राकर ने सदन के भीतर ऐलान कर दिया कि अब भाजपा सदस्य मंत्री भगत से न कोई सवाल करेंगे और न उसके व्यक्तव्य में हिस्सा लेंगे। इस बीच डा.रेणु जोगी ने चिटफंड कंपनियों से निवेशकों के पैसे वसूले जाने पर सवाल किया जिसका जवाब गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने दिया।
कानून व्यवस्था पर बसपा विधायक ने उठाए सवाल
बसपा विधायक केशव चंद्रा में चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष पर तीखा हमला बोला। चंद्रा ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति बदहाल है। पुलिस की उपस्थिति में सरपंच की हत्या हो गई। कार्यवाही के नाम पर केवल जिम्मेदार को लाइन अटैच कर दिया गया। राज्य में महिलाओं को साथ हो रहे अपराध रुक नहीं रहे हैं। ऐसे में कैसे लोगों का भरोसा कैसे बना रहेगा। चारों तरफ भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का बोलबाला है। समग्र विकास की राशि केवल सत्ता पक्ष के विधायकों को मिल रहा है। चंद्रा ने सवाल किया कि क्या विपक्ष के विधायकों के क्षेत्र में विकास की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि यह सरकार दुर्भावना की राजनीति कर रही है। चंद्रा ने कहा कि सरकार चुनावी वादे पूरा करने का दावा कर रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि कोई वादा पूरा नहीं किया है। यही वजह है कि सड़क पर आंदोलन शुरू हो गया है।
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