WHO की चेतावनी कोरोना प्रतिबंधों में ढील खतरनाक साबित हो सकती है..

WHO khabargali

दिल्ली (khabargali)। कोरोना वायरस को लेकर WHO ने सरकार को एक बार फिर से चेतावनी जारी की है. भारत में कोरोना का कहर कम होता देख कई राज्य सरकारें राज्यों में लगे प्रतिबंध को हटा रही हैं. ऐसे में कोरोना के बढ़ने का खतरा और भी बढ़ गया है, जिसको लेकर WHO के चीफ Tedros Adhanom Ghebreyesus ने सरकार को चेतावनी जारी की है.

WHO के चीफ Tedros Adhanom Ghebreyesus ने कहा है- डेल्टा वरिएंट सहित अन्य ‘चिंताजनक’ वैरिएंट्स के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए कोरोना प्रतिबंध जल्दी हटाना खतरनाक साबित हो सकता है. उन्होंने कहा-जिन लोगों ने वैक्सीन अभी तक नहीं लगवाई हैं, उनके लिए कोरोना प्रतिबंधों में ढील खतरनाक साबित हो सकती है..

कोरोना की दूसरी लहर से तकरीबन दो महीने तक बुरी तरह जूझने के बाद अब भारत में प्रतिबंधों में ढील की शुरुआत की जा चुकी है. कुछ राज्यों में प्रतिबंध हटाए जा रहे हैं तो कुछ जगह पर अब भी प्रतिबंध जारी हैं..

डेल्टा स्ट्रेन अब चिंता का कारण बन रहा .

इससे पहले WHO ने कहा था कि कोरोना डेल्टा स्ट्रेन अब चिंता का कारण बन रहा है. कोविड का यह स्ट्रेन सबसे पहले भारत में पाया गया था. वहीं इस वेरिएंट के दो अन्य स्ट्रेन्स के संबंध में WHO ने कहा कि फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है. वायरस का B.1.617 वैरिएंट को ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट बताया गया है, क्योंकि यह तीन लिनीएज (वंश) में बंटा हुआ है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने पिछले महीने पूरे स्ट्रेन को ‘वीओसी’ यानी वैरिएंट ऑफ कंसर्न (VOC) घोषित किया था..

तेजी से फैल सकता है यह वैरिएंट- WHO.

बता दें कि कोरोना वायरस के भारत में पहली बार पाए गए स्वरूप बी.1.617.1 और बी.1.617.2 को अब से क्रमश: ‘कप्पा’ तथा ‘डेल्टा’ से नाम से जाना जाएगा. दरअसल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस के विभिन्न स्वरूपों की नामावली की नई व्यवस्था की घोषणा की है जिसके तहत वायरस के विभिन्न स्वरूपों की पहचान ग्रीक भाषा के अक्षरों के जरिए होगी. यह फैसला वायरस को लेकर सार्वजनिक विमर्श का सरलीकरण करने के लिए लिया गया है.