आचार संहिता के भेंट चढ़ा राज्य स्थापना दिवस

State Foundation Day dedicated to code of conduct, Chhattisgarh State Foundation Day, Khabargali

रायपुर (khabargali) हर साल 1 नवंबर को छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस मनाया जाता है और इसमें कुछ दिन ही शेष है। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर इस साल राज्योत्सव-2023 के आयोजन को लेकर संशय की स्थिति बरकरार है। राज्य शासन द्वारा इस महत्वपूर्ण आयोजन के संबंध में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है और न ही कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जबकि प्रतिवर्ष छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस पर तीन या पांच दिवसीय राज्योत्सव का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा जिला मुख्यालयों में भी राज्योत्सव का आयोजन किया जाता है। जबकि वर्ष 2018 और इसके पहले भी आदर्श आचार संहिता लागू होने के दौरान राजधानी रायपुर में सादगी से राज्य स्तरीय राज्योत्सव का आयोजन किया जाता रहा है।

अलंकरण समारोह भी नहीं होगा

 छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण इस बार राज्योत्सव पर छत्तीसगढ़ की विभिन्न विभूतियों को प्रतिवर्ष दिए जाने वाले राज्य अलंकरण पुरस्कार भी नहीं दिए जाएंगे।

प्रदेश के कलाकार होंगे निराश

छत्तीसगढ़ राज्य के स्थापना दिवस पर राज्य के विभिन्न जिलों मे ग्रामोद्योग क्षेत्र में कार्यरत बुनकर कारीगरों, हस्तशिल्पियों, माटी शिल्पियों, खादी बुनकरों तथा विभिन्न कुटीर उद्योग में संलग्न हितग्राहियों को प्रोत्साहन प्रदान करने तथा उनके उत्पादों की उपभोक्ताओं में लोकप्रिय बनाकर तथा उन्हें विपणन सुविधा प्रदान करने के लिए राजधानी रायपुर में राज्योत्सव स्थल पर शिल्पग्राम का निर्माण किया जाता है। राज्य के विभिन्न जिलों के आए हस्तशिल्पियों द्वारा बेलमेटन, कास्ठ शिल्प, बांस शिल्प, गोदना, मरवाही एम्ब्रायडरी, तुम्बा शिल्प, लौह शिल्प के कारीगरों द्वारा निर्मित सामग्रियां विशेष आकर्षण रहती हैं। वहीं, शिल्पग्राम में लाखों रुपए के हस्तशिल्प उत्पादों का विक्रय भी होता है। कलाकार अपने शिल्प का प्रदर्शन भी करते हैं। शिल्पग्राम में अगरबत्ती, हरबल उत्पाद, आयुर्वेदिक उत्पाद के अलावा ग्रामोद्योग के हाथकरघा कारीगरों, हस्तशिल्पियों, माटी शिल्पियों, खादी ग्रामोद्योग के हितग्राहियों को अच्छा प्रतिसाद भी मिलता है, लेकिन इस बार राज्योत्सव का आयोजन नहीं होने से सैकड़ों बुनकरों व हस्तशिल्पियों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा।

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