अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर करने जा रही है 12 साल से कम उम्र के बच्चों में अपनी वैक्सीन का ट्रायल

Child Vaccination khabargali

दिल्ली(khabargali)। कोरोना वायरस की तीसरी लहर में बच्चों पर मंड़रा रहे खतरे को ध्यान में रखते हुए अब बच्चों में वैक्सीन के बड़े पैमाने पर ट्रायल होने वाला है. अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर अब 12 साल से कम उम्र के बच्चों में अपनी वैक्सीन को बड़े स्तर पर ट्रायल करने जा रही है.

इस मामले में फाइजर ने मंगलवार को कहा है कि इस स्टडी में अमेरिका, फिनलैंड, पोलैंड और स्पेन में 90 से ज्यादा क्लीनिकल साइट्स पर 4500 बच्चों पर ट्रायल किया जाएगा. मीडिया के मुताबिक छोटे बच्चों में ट्रायल की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. बच्चों की सहनशीलता और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए पहले चरण में 144 बच्चों पर हुए ट्रायल में दो डोज देने के बाद उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता का अध्यन हो चुका है.

इस दौरान मिले इम्यूनिटी रेस्पांस के बाद फाइजर ने कहा कि अब कंपनी 5 से 11 वर्ष की आयु के बच्चों में 10 माइक्रोग्राम और 6 माह से 5 वर्ष की एज ग्रुप के बच्चों पर 3 माइक्रोग्राम की डोज का परीक्षण करेगी.

जल्द मिलेगी अच्छी खबर

बता दें कि फाइजर के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी सितंबर में 5 से 11 साल के बच्चों के डेटा की उम्मीद करती है और संभवत: उस महीने के अंत में संबंधित देशों के ड्रग रेगुलेटर्स से वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग के लिए इजाजत मांगी जाएगी. उन्होंने कहा कि 2 से 5 साल के बच्चों के लिए डेटा भी जल्द आ सकता है.

वहीं, फाइजर के एक्सपर्ट्स का मानना है कि 5 से 11 साल के बच्चों पर हुए ट्रायल का डेटा सितंबर तक आ जाएगा. वहीं 6 महीने से 2 साल के आयु वर्ग के बच्चों का डेटा इसी साल अक्टूबर या नवंबर में कभी भी मिल सकता है. इसके बाद इस एज ग्रुप के लिए भी इमरजेंसी यूज की मंजूरी के लिए आवेदन किया जाएगा.

फाइजर की कोविड वैक्सीन को पहले ही यूरोपीय संघ में 12 साल के अधिक उम्र की बच्चों को लगाने के लिए मंजूरी दी जा चुकी है. हालांकि, यह मंजूरी आपातकालीन उपयोग के लिए ही दी गई है. फाइजर ने कोरोना की यह वैक्सीन अपने जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ मिलकर बनाई थी. इसी कंपनी की वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सबसे पहले अपनी मंजूरी दी थी.

वहीं अमेरिका (US) और Canada में फाइजर की वैक्सीन को 12 साल से अधिक आयु समूह में इस्तेमाल की छूट दी जा चुकी है. तब फार्मा कंपनी ने कहा था कि बच्चों में उसकी वैक्सीन का प्रभाव बेहद सकारात्मक रहा है और अंडर ट्रायल बच्चों में कोई भी साइड इफेक्ट्स नहीं देखने को मिले.

कई कंपनियों की जारी है कवायद

पिछले महीने AstraZeneca ने 6 से 17 साल तक के बच्चों पर ब्रिटेन में स्टडी शुरू की है. Johnson & Johnson भी स्टडी कर रही है. चीन की सिनोवैक भी इस रेस में शामिल है. वहीं Moderna का फोकस फिलहाल 12-17 साल के बच्चों पर हो रहे वैक्सीन टेस्ट पर है, जिसके नतीजे जल्द सामने आ सकते हैं.