बड़ी खबर : नगरीय निकाय चुनाव से पहले हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, वार्ड परिसीमन पर लगाई रोक

Big news: High Court's big decision before urban body elections, ban on ward delimitation, Khabargali

अदालत ने पूछा, जब जनगणना के आंकड़े नहीं बदले, तो तीसरी बार परिसीमन करने का क्या औचित्य

बिलासपुर (khabargali) हाईकोर्ट ने निकायों के वार्ड परिसीमन पर रोक लगा दी है, याचिकाकर्ताओं ने वार्डों के परिसीमन को नियम के विरुद्ध बताया था। कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को झटका लगा है। मामले में अगली सुनवाई एक हफ्ते बाद तय की गई है। मामले की सुनवाई जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में हुई। अधिवक्ताओं ने कहा कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है। दरअसल, राजनादगांव नगर निगम, कुम्हारी नगर पालिका व बेमेतरा नगर पंचायत में वार्डों के परिसीमन को लेकर चुनौती दी गई थी। तीनों याचिकाओं की प्रकृति समान थी, इसलिए कोर्ट ने तीनों याचिकाओं को एक साथ मर्ज करते हुए सुनवाई शुरू की।

मामले में याचिकाकर्ताओं ने अपनी याचिका में बताया है कि राज्य सरकार ने प्रदेश भर के निकायों के वार्ड परिसीमन के लिए जो आदेश जारी किया है, उसमें वर्ष 2011 के जनगणना को आधार माना है। वार्ड परिसीमन के लिए बनाए गए नियमों के अनुसार अंतिम जनगणना को आधार माना गया है। राज्य सरकार ने अपने सर्कुलर में भी परिसीमन के लिए अंतिम जनगणना को आधार माना है। मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ताओं का तर्क था कि राज्य सरकार ने इसके पहले वर्ष 2014 व 2019 में भी वर्ष 2011 की जनगणना के आधार पर परिसीमन का कार्य किया है। जब आधार एक ही है तो इस बार क्यों परिसीमन का कार्य किया जा रहा है। अधिवक्ताओं के इस तर्क पर सहमति जताते हुए कोर्ट ने पूछा, कि वर्तमान में वर्ष 2024 में फिर से परिसीमन क्यों किया जा रहा है।

कोर्ट ने यह भी पूछा कि जब वर्ष 2011 की जनगणना को आधार मानकर वर्ष 2014 व 2019 में वार्डों का परिसीमन किया गया था। जनगणना का डेटा तो आया नहीं है, वर्ष 2011 के बाद जनगणना हुई नहीं है, फिर उसी जनगणना को आधार मानकर तीसरी मर्तबे परिसीमन कराने की जरुरत क्यों पड़ रही है। प्रदेश के निकायों के परिसीमन के बाद दावा आपत्ति मंगाने का काम किया जा रहा था। इस आदेश के बाद पूरी प्रक्रिया पर रोक लग गई है।

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता व पूर्व एजी सतीशचंद्र वर्मा, अमृतो दास, रोशन अग्रवाल और राज्य की ओर से प्रवीण दास उप महाधिवक्ता व विनय पांडेय व नगर पालिका कुम्हारी की तरफ से पूर्व उप महाधिवक्ता संदीप दुबे ने पैरवी की।

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