नई दिल्ली (khabargali) भारतीय वायुसेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में बुधवार को भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोगों की मौत पर चीनी मीडिया में तंज़ कसा जा रहा है. चीन के सरकारी अखबार ने लिखा है कि बिपिन रावत मामले में कॉन्सपिरेसी थ्योरी को बढ़ावा देकर ब्रह्मा चेलानी अपने हाथ भारतीय सैनिकों के खून से रंग रहे हैं. अखबार का कहना है कि चेलानी भारत-चीन के बीच नया विवाद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. दरअसल जनरल रावत वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव को लेकर चीन का नाम लेकर बोलते थे जबकि मोदी सरकार तनाव में भी चीन का नाम से लेने से परहेज करती रही है. हाल ही में जनरल रावत ने कहा था कि भारत के लिए असली ख़तरा चीन है न कि पाकिस्तान. उन्होंने हादसे के एक दिन पहले कहा था कि कोरोना महामारी जैविक युद्ध में बदल सकती है. ऐसी स्थिति में सभी देशों को इसका मुकाबला करने के लिए तैयार रहना चाहिए. अब जब जनरल रावत की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत हो गई है तो चीन में सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखपत्र मानेजाने वाला अख़बार ग्लोबल टाइम्स भारत पर तंज कस रहा है. ग्लोबल टाइम्स की टिप्पणियों की भारत में आलोचना हो रही है.
यह लिखा चीनी अखबार में
गुरुवार को ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख प्रकाशित किया है और इसमें चीनी विशेषज्ञों के हवाले से बताया गया है कि हेलिकॉप्टर क्रैश में भारत के चीफ़ ऑफ डिफेंस स्टाफ़ की मौत न केवल भारत की सैन्य अनुशासनहीनता और युद्ध की तैयारियों की पोल खोलता है बल्कि भारत के सैन्य आधुनिकीकरण की हक़ीक़त को भी दर्शाता है. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत में सैन्य आधुनिकीकरण अब भी ठहरा हुआ है और इसमें लंबा वक़्त लगेगा. ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है, ''विश्लेषकों का मानना है कि चीन विरोधी भारत के शीर्ष सेना अधिकारी की मौत के बाद भी चीन को लेकर भारत की आक्रामक छवि में कोई परिवर्तन नहीं आएगा. भारतीय मीडिया में हेलिकॉप्टर क्रैश करने की वजह ख़राब मौसम, ग़लत ऊंचाई और तकनीकी गड़बड़ी बताई जा रही है. इन सब कारणों को मान भी लिया जाए तो इनसे यही पता चलता है कि यह गड़बड़ी मानवीय है न कि रूस में बने हेलिकॉप्टर में कमी होने के कारण. Mi-17 सिरीज़ के हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल दुनिया के कई देशों में होता है.''
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