छत्तीसगढ़ के युवा कलाकार बसु गंधर्व ने दी गायन की बेहतरीन प्रस्तुति

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"पंडित गुणवंत माधवलाल व्यास स्मृति संस्थान" गुनरस पिया फाउंडेशन, रायपुर का आयोजन

रायपुर (khabargali) "पंडित गुणवंत माधवलाल व्यास स्मृति संस्थान" की 71 वी संगीत सभा  में रविवार को फेसबुक पर रायपुर छत्तीसगढ़ के युवा गायक श्री वसु गंधर्व ने शास्त्रीय गायन की बेहतरीन प्रस्तुति दी। पद्मभूषण पंडित अजय चक्रवर्ती एवं कश्यप बंधु के शिष्य वसु गंधर्व ने गायन की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता डॉ. आनंद शंकर बहादुर से प्राप्त की। श्री वसु ने अपने गायन कार्यक्रम की शुरुआत राग-भीमपलासी, ताल-विलंबित, एकताल में निबद्ध बड़े ख्याल की बंदिश अब तो बड़ी बेर भई, टेरत हूँ, करम करो मोरे साईं से की। इसके बाद उन्होंने मध्यलय तीनताल में निबद्ध बंदिश जावां हूँ देसा, अब घरमां उभरायो री अरे ओ मनवा रे और द्रुत तीनताल में गरवा हरवा डारूँगी मां जो पिया आवे अंगरवा की प्रस्तुति दी।

कार्यक्रम के समापन में श्री वसु ने प्रसिद्द ठुमरी-कोयलिया कुक सुनाए, सखी री मोहे बिरहा सतावे गाकर श्रोताओं को मुग्ध कर दिया। इस कार्यक्रम को संस्था के-गुनरस पिया संगीत सभा ग्रुप से श्रोताओं के लिए फेसबुक पर लाईव प्रसारित किया गया। श्रोताओं ने श्री बसु के गायन का खूब आनंद उठाया। गुनरस पिया की सभा में अब तक देश-विदेश के अनेक कलाकारों ने गायन,तबला-वादन,सितार-सरोद-सारंगी-संतूर वादन की प्रस्तुतियां दी हैं।

युवा एवं नवोदित कलाकारों को रविवासरीय संगीत सभा के माध्यम से जन जन तक पहुचाने का कार्य गनरस पिया संस्था द्वारा लगातार किया जा रहा है। गुनरस पिया फाउंडेशन द्वारा कोरोना काल में देश-विदेश के अनेक कलाकारों को फेसबुक के माध्यम से प्रस्तुति का अवसर दिया जा रहा है। गुनरस पिया फाउंडेशन शास्त्रीय संगीत के संरक्षण एवं प्रचार प्रसार हेतु लगातार कार्य कर रहा है। कार्यक्रम का संयोजन गुनरस पिया फाउंडेशन के अध्यक्ष दीपक व्यास ने किया।