दुःखद: कोरोना से एक ही परिवार के 4 सदस्यों की मौत

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भिलाई (khabargali)भिलाई से एक दुखद और डराने वाली खबर आई है। कोरोना के संक्रमण ने भिलाई के रावत परिवार की खुशियां छीन ली है। कल तक इनका 8 सदस्यों का खुशहाल परिवार था लेकिन आज उस घर में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। एक के बाद एक घर के चार सदस्य कोरोना संक्रमित होकर मौत का ग्रास बन गए। अब घर में बहू और दो पोतियां रह गई है जिनके साथ संक्रमण के भय से दुख बांटने वाले दूरी बनाए हुए हैं।

यह परिवार सेक्टर-4 स्ट्रीट 32 क्वार्टर नंबर 4 बी का रहने वाला है। कोरोना संक्रमण की वजह से इस परिवार के सबसे बुजुर्ग सदस्य हरेंद्र सिंह रावत (78) की मौत 16 मार्च को भिलाई के सेक्टर - 9 अस्पताल में हुई। हरेंद्र सिंह भिलाई इस्पात संयंत्र के मशीन शॉप से सेवानिवृत्त थे। मुखिया खोने के बाद परिवार पर दूसरा वज्रपात तब हुआ जब हरेंद्र सिंह के बड़े पुत्र पेशे से बीमा अभिकर्ता मनोज सिंह रावत की 21 मार्च को मौत हो गई। कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद मनोज को रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया था। परिवार अभी दोहरी मौत के दुख से उबरने की कोशिश में लगा ही था कि 25 मार्च का दिन काल बनकर टूट पड़ा। सुबह हरेंद्र सिंह की पत्नी और मनोज की माँ कौशल्या रावत (70 वर्ष) ने सेक्टर - 9 अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। माँ के चिता की राख अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि दूसरे बेटे मनीष सिंह रावत (44 वर्ष) की भिलाई के ही शंकराचार्य कोविड अस्पताल में शाम को कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो गई। अब इस घर में मनोज की पत्नी और 20 व 13 साल की दो बेटियां ही बच गई है।

बताया जाता है कि हरेंद्र सिंह रावत के तीन बेटों में मनोज सबसे बड़ा और मनीष छोटा था। मंझला बेटा महेंद्र सिंह रावत रायगढ़ में परिवार के साथ रहता है। माता-पिता व दो भाईयों की कोरोना से मौत के बाद महेंद्र सिंह भिलाई में ही है लेकिन संक्रमण का भय ऐसा है कि वे अपनी भाभी और दोनों भतीजियों के साथ दुख बांटने की भी हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।

ख़बरगली की अपील

एक बार फिर आप सभी से विनम्र आग्रह है कि कोरोना के सभी नियमों का पालन करें और दूसरों से करवायें ताकि आपके साथ सभी सुरक्षित रह सकें।