धोखेबाज चीनी हरकतों से LAC पर बढ़ा तनाव, चीनी सेना फिंगर-4 की चोटी पर मौजूद ..भारतीय सेना मुस्तैद

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नई दिल्ली (khabargali) ईस्टर्न लद्दाख में इन दिनों लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर इन दिनों तनाव चरम पर है। इसे कम करने के लिए कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर कई दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन फिलहाल इससे कोई हल निकलता नहीं दिख रहा। चीनी सेना फिंगर-4 की चोटी पर अभी भी मौजूद हैं। बुधवार को लगातार तीसरे दिन दोनों देशों के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर की बातचीत हुई लेकिन इसका कोई 'ठोस नतीजा' नहीं निकला। अब भारतीय सेना पूरे एलएसी में उन जगहों को भी भरने की कोशिश कर रही है जहां पर अंदेशा है कि चीन की तरफ से कब्जे की कोशिश की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे यानी फिंगर एरिया की तरफ भी अपनी तैनाती में कुछ इस तरह बदलाव किए हैं जिससे स्थिति ज्यादा मजबूत हो। यहां मई में चीनी सैनिक फिंगर- 4 तक आ गए थे और डिसइंगेजमेंट की बातचीत के बाद जुलाई के पहले हफ्ते में वह फिंगर-4 के बेस से फिंगर-5 तक वापस तो गए लेकिन फिंगर-4 की चोटी पर अभी भी मौजूद हैं।

गश्त बढ़ी, ताकि दे सकें तुरंत जवाब

सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने कई जगहों पर लगातार गश्त करना शुरू कर दिया है जहां पर समझौते के मुताबिक दोनों देशों के सैनिक तैनात नहीं रहते। एलएसी पर कई ऐसी जगहें हैं जहां पर भारत और चीन अपना दावा करते हैं, लेकिन वहां पर किसी के सैनिक तैनात नहीं हैं। बस दोनों देशों के सैनिक वहां पट्रोलिंग के लिए जाते हैं। एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि चीन ने जिस तरह पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे में चोटियों पर कब्जा करने की कोशिश की वैसा वह दूसरी जगह भी कर सकता है। लेकिन अब भारतीय सेना चीन को एलएसी पर कहीं भी ऐसा कोई मौका नहीं देगी।

चीन ने समझौता तोड़ा

फिंगर-4 में जहां चीन के सैनिक आकर डट गए थे वह भी ऐसा ही इलाका है जहां दोनों देशों के सैनिकों की तैनाती नहीं होती थी। दोनों तरफ के सैनिक वहां पट्रो्लिंग के लिए आते थे और वापस चले जाते थे। लेकिन चीन ने समझौता तोड़ा और अपने सैनिकों को वहां बैठा दिया। भारतीय सेना को अंदेशा है कि चीन ऐसा दूसरी जगहों पर भी करने की कोशिश कर सकता है इसलिए एलएसी पर सभी जगह लगातार निगरानी रखी जा रही है। सूत्रों के मुताबिक नए प्लान के हिसाब से अब कुछ और जगहों पर भी सैनिकों को फॉरवर्ड एरिया में भेजा गया है।

फिलहाल बातचीत से मसले का हल नहीं

दोनों देशों की सेना के बीच बिग्रेड कमांडर स्तर की बातचीत से फिलहाल कोई हल निकलने की उम्मीद नहीं है। सेना के एक अधिकारी ने कहा कि जब 5 बार कोर कमांडर स्तर की मीटिंग के बावजूद चीन ने अपनी गलती नहीं मानी और पीछे जाने से इनकार किया तो उससे यह अंदाजा तो लगाया ही जा सकता है कि बातचीत से फिलहाल तो मसले का हल नहीं निकलने वाला। लेफ्टिनेंट जनरल पीजेएस पन्नू (रिटायर्ड ) कहते हैं कि बातचीत में सहमति तब बनेगी जब चीन यह मानेगा कि उसने गलत किया है और वह अप्रैल की स्थिति में वापस जाएगा लेकिन अभी इसके संकेत नहीं लग रहे हैं। दोनों देश ही अपनी पोजिशन मजबूत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत ने भी अब चीन को संदेश दे दिया है कि वह उसके कुछ करने और फिर उसका जवाब देने का इंतजार करने के बजाय खुद भी इनिसिएटिव ले सकता है।

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