साय मंत्रिमंडल में होगा बड़ा फेरबदल ! कुछ मंत्री होंगे बाहर, कुछ के विभाग बदलेंगे

There will be a big reshuffle in the cabinet! Some ministers will be out, some departments will change, complaints have come about some new ministers, there is a discussion about making a minister from one of the four assembly constituencies of the capital, Chhattisgarh, Khabargali

कुछ नए मंत्रियों को लेकर आईं शिकायतें

राजधानी के चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा

 रायपुर (khabargali) प्रदेश में भाजपा के लिए आने वाला जून का महीना बड़े बदलावों वाला सकता है। दरअसल छत्तीसगढ़ की साय सरकार में अगले महीने बड़े फेरबदल की सुगबुगाहट है। चर्चा है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपने मंत्रिमंडल का विस्तार ही नहीं बल्कि बड़ा फेरबदल कर सकते हैं। इसमें कुछ मंत्रियों के बाहर होने और कुछ मंत्रियों के विभाग बदलने की चर्चाएं हो रही हैं। यदि जून में विलंब हुआ, तो फिर नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू हो जाएगी। ऐसी स्थिति में संगठन नेताओं के सामने जल्द से जल्द निर्णय लेने का दबाव रहेगा। इसमें जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए क्षेत्रीय संतुलन का भी ध्यान रखा जा सकता है । इस मसले पर संगठन के नेताओं ने कई दौर की चर्चा भी कर ली है।

कुछ मंत्रियों के कामकाज के तरीकों की शिकायतें पहुँची संगठन तक

 भाजपा प्रदेश संगठन का मानना है कि छह महीने पहले पार्टी ने जो प्रयोग किया था और जिन नए लोगों को मंत्री बनाकर मौका दिया, उनमें से कुछ में प्रशासनिक दक्षता एवं राजनीतिक परिवक्तता की कमी की लगातार शिकायतें आ रही हैं। यही वजह है कि परफारर्मंेस के आधार पर कुछ मंत्रियों को हटाकर नए विधायकों को मंत्री बनने का मौका दिया जा सकता है। उल्लेखनीय हैं कि मुख्यमंत्री श्री साय मंत्रिमंडल में दो उपमुख्यमंत्री समेत नौ कैबिनेट मंत्री हैं। इसमें चार मंत्री पुराने और अनुभवी हैं,जबकि शेष सात पहली बार मंत्री बने हैं।

दिसंबर से पांच महीने के बीच वैसे तो लोकसभा के चुनाव के चलते मंत्रियों को काम करने का मौका नहीं मिल पाया है। कुछ मंत्रियों ने जितना काम नहीं किया है, उससे ज्यादा भाजपा संगठन को शिकायतें मिल चुकी हैं। खास बात यह है कि मंत्रियों के कामकाज के तरीकों की शिकायतें कोई और नहीं बल्कि भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के द्वारा ही संगठन तक पहुंचाई गईं हैं। चर्चा है कि संगठन भी उन मंत्रियों पर नकेल कसने की तैयारी में है। खबर है कि राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा भी मंत्रियों के कामकाज पर नजर रखी जा रही है। ऐसी स्थिति में कुछ वर्तमान मंत्रियों का पत्ता कट सकता है।

बृजमोहन की खाली हो रही सीट के लिए  इनकी दावेदारी...

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के साथ 10 दिसंबर 2024 को दो उप मुख्यमंत्रियों ने शपथ लिया था। अरुण साव और विजय शर्मा। इसके बाद 21 दिसंबर को नौ और मंत्रियों ने शपथ लिया। याने कुल 11 विधायकों की कुल संख्या के 15 फीसदी के हिसाब से छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के 12 पद बनते हैं। याने अभी एक सीट खाली है। इसके अलावे रायपुर से विधायक बृजमोहन अग्रवाल लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं और उनकी जीत में कोई संशय नहीं है। जाहिर है, 4 जून के बाद छत्तीसगढ़ में मंत्रियों के दो पद खाली हो जाएंगे।

बृजमोहन अग्रवाल की खाली हो रही मंत्री की सीट के लिए कई दावेदार हैं। रायपुर चूंकि राजधानी है, लिहाजा राजधानी के चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है। वैसे खबर यह भी है कि रायपुर दक्षिण उपचुनाव के मद्देनजर इस सीट के प्रत्याशी को भी बिना चुनाव लड़ाए मंत्री बनाने की योजना पर विचार चल रहा है। यूं तो पहली बार चुने गए बीजेपी के कई विधायकों की कोशिश है कि उन्हें मौका मिल जाए। मगर तगड़ी दावेदारी तीन पूर्व मंत्रियों की बताई जा रही है। ये तीन हैं...अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और राजेश मूणत। ये तीनों रमन सिंह सरकार में मंत्री रहते हुए कई बड़े विभाग संभाल चुके हैं। दिसंबर 2024 में विष्णुदेव साय सरकार के गठन के समय इन तीनों को मंत्री बनाए जाने की अटकलें थी, मगर ऐसा हो नहीं पाया। अब सियासी प्रेक्षक भी इस बात को लेकर उत्सुक हैं कि बृजमोहन अग्रवाल की जगह इन तीनों में से किसी एक को मौका मिलेगा या फिर किसी नए चेहरे पर बीजेपी दांव लगाएगी?

इतना ही नहीं बिलासपुर से धरमलाल कौशिक भी संगठन नेताओं की पहली पसंद बताए जा रहे हैं। वहीं महिला विधायकों में भावना बोहरा के नाम पर भी पार्टी विचार कर सकती है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल पर नजर दौड़ाएं, तो कांकेर और महासमुंद लोकसभा क्षेत्र से अभी कोई मंत्री नहीं है। यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे पक्ष में आते हैं, तो यहां से एक मंत्री लिया जा सकता है।

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