कोविड के दौरान छत्तीसगढ़ के स्कूलों में बच्चों की ऑफलाईन पढ़ाई जारी रखने लाउडस्पीकर मॉडल: डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम

Prem singh tekam, education minister, khabrgali

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण को देखते हुए अब लाउडस्पीकर से स्कूलों में पढ़ाई कराई जाएगी। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सभी जिलों की प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक स्कूल में इस योजना को उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से आगामी एक सप्ताह के भीतर प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। डॉ. टेकाम आज अपने निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बस्तर जिले में इस योजना के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारियों से विस्तार से चर्चा कर रहे थे। डॉ. टेकाम ने कहा कि बस्तर जिले में लाउडस्पीकर से 56 पंचायतों में पढ़ाई प्रारंभ हो चुकी है। छत्तीसगढ़ में कोविड-19 के दौरान बच्चों की पढ़ाई जारी रखने यह मॉडल बनेगा। यह ऑनलाईन पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था है। कोविड की वजह से हुए लॉकडाउन में छ्त्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग ने बहुत तेजी से प्रतिक्रिया दी है। आनलाइन अध्ययन सुविधा के साथ-साथ ऑफलाईन के लिए भी विभिन्न मॉडल सोचकर उनका क्रियान्वयन शिक्षकों ने किया है। विभाग ऐसे सभी शिक्षकों का आभार मानता है, जिन्होंने कोविड के दौरान अपने अपने घर से नियमित ऑनलाईन कक्षाएं ली हैं। इसके अलावा हमारे बहुत से शिक्षक साथियों ने विभिन्न ऑफलाइन मॉडल को भी सफलतापूर्वक लांच किया। लगभग 10 ऐसे मॉडल हमारे राज्य में शिक्षकों द्वारा क्रियान्वित किए गए हैं।

इनमें से एक मॉडल “लाउडस्पीकर स्कूल” का संचालन जिसका प्रारंभ बस्तर जिले में किया गया है, का अध्ययन स्कूल शिक्षा मंत्री जी द्वारा किया गया। उन्होंने बस्तर जिले में इस योजना के क्रियान्वयन से जुड़े अधिकारियों से कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विस्तार से चर्चा की और इस मॉडल को वर्तमान कोरोना लॉकडाउन के लिए काफी उपयुक्त पाया। इस मॉडल में पंचायत द्वारा बच्चों की पढ़ाई के लिए ग्रामों में उपलब्ध या डीजे वालों से सहयोग लेकर लाउडस्पीकर उपलब्ध करवाया जाता है। लाउडस्पीकर से शिक्षक बच्चों को पढ़ाना शुरू करते हैं। बच्चे अपने अपने घर या छोटे-छोटे समूहों में बैठकर ध्यान से पाठों को सुनते हैं। ऐसी कक्षाएं प्रतिदिन राज्यगीत के साथ प्रारंभ होती हैं। लाउडस्पीकर के माध्यम से बच्चों को विभिन्न कार्य भी प्रदत्त किए जाते हैं और जोड़ी में शिक्षक पाठ के दौरान गाँव में घूमकर बच्चों को कार्य करते हुए भी देख सकते हैं। गाँव में भी बच्चों की कक्षाएं नियमित लग रही है अथवा नहीं, पूरे गाँव को पता चल जाता है।

स्कूल शिक्षामंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम बस्तर के शिक्षकों के इस नवाचार से अभिभूत हैं। उन्होंने सभी जिलों से अपील की है कि वे अपने-अपने जिले के प्रत्येक पंचायत में कम से कम एक स्कूल में इस योजना को उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से आगामी एक सप्ताह के भीतर प्रारंभ करें और इसमें पढ़ाने हेतु इच्छुक शिक्षकों एवं ग्राम से सहयोगियों की व्यवस्था करें। उन्होंने पालकों से भी अपील की है कि सुरक्षा संबंधी सभी मानकों का उपयोग करते हुए बच्चों को घर में रहते हुए लाउडस्पीकर स्कूल से सीखना जारी रखने में सहयोग करें। बस्तर जिले में गत एक सप्ताह में 11 पंचायतों से बढ़कर 56 पंचायतों ने लाउडस्पीकर स्कूलों को प्रारंभ कर लिया है। राज्य में लगभग दस हजार पंचायतें हैं और यदि सभी पंचायतें आगे बढ़कर योजना को लागू करती हैं तो प्रदेश के लाखों बच्चों का सीखना इस मॉडल से जारी रखा जा सकता है। समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ द्वारा इस योजना के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी बनाए गए हैं।

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