पतंग हमारा मन है और मांजा श्वास का व्यायाम : चिराग पाटिल

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भारतीय सिंधु सभा की युवा राष्ट्रीय इकाई द्वारा आयोजित वेबनार - दि लाइफ स्टाइल - माइंड एंड बाडी पर बोले आर्ट आफ लिविंग के गुरु श्री श्री रविशंकर के शिष्य चिराग पाटिल

रायपुर (khabargali)" हम अपना जीवन कैसे जीते हैं और कैसे जीना चाहते हैं, यह हमारी मनोस्थिति पर निर्भर होता है' यह संदेश है आर्ट आफ लिविंग के गुरु श्री श्री रविशंकर के आश्रम से पधारे उनके शिष्य श्री चिराग पाटिल जी का...! भारतीय सिंधु सभा की युवा राष्ट्रीय इकाई द्वारा आयोजित वेबनार - दि लाइफ स्टाइल - माइंड एंड बाडी के विषय पर कहते हुए बताया कि शरीर वह कार्य करता है जो मन कहता है, हम शरीर को तो साफ करते हैं परंतु उर्जावान नहीं बनाते. उर्जावान के लिए मुख्य पांच बातों पर देकर कहा कि हमें मांसाहार से दूर होकर सात्विक भोजन अपनाना चाहिए, अच्छी नींद 40 की उम्र से नीचे वालों को 6 घंटे और 40 से उपर वालों को 8 घंटे की नींद जरूर लेना चाहिए, नियमित योगासन या व्यायाम ,सकारात्मक विचारों को ही कहें और सुने, और अंतिम पीस आफ माइंड, हमेशा कूल रहें समुद्र के समान शांत रहें और ऐसा बने भी, इसे एक उदाहरण देते समझाया कि यदि एक भरी बाल्टी में कोई पत्थर मारेगा तो उसका पानी बाहर छलकेगा अगर वही पत्थर कोई समुद्र में फेंकेगा तो कुछ नहीं होगा...! ठीक उसी तरह हमारा मन अगर समुद्र की तरह ही कूल हो. माना आसपास की परिस्थितियां हमारे कंट्रोल में नहीं हैं, हम सिर्फ अपनी उर्जा को कंट्रोल कर सकते हैं. हम अगर इस बात को सही मायने समझ लें कि जीने के लिए खाना जरूरी है खाने के लिए जीवन, तो जीवन यापन की 99 प्रतिशत समस्या दूर हो जाएगी. तत्पश्चात् मन की व्याख्या करते हुए कहा कि मन को मजबूत करने के लिए निगेटेव विचार से दूरी जरूरी है. यह चंचल है जितना रोकेंगे ये वहीं जाएगा इसलिए मन को समझना जरूरी है और मजबूती के लिए प्राणायाम और श्वास नियंत्रण (योग और ध्यान) करना होगा, इसे एक खूबसूरत पतंग और मांजा के उदाहरण देते हुए बताया कि पतंग हमारा मन है और मांजा श्वास का व्यायाम जो मन को संचालित करता है. अपने उद्बबोधन के अंत में कहा कि ये सारी इनफार्मेशन से ज्यादा अनुभूति का महत्व होता है अतः अपने जीवन में यह करके अनुभव प्राप्त करें.

इस कार्यक्रम में विशेष रूप से महाराष्ट्र के नासिक से मशहूर गिटार वादक और गायक सारंग गोसावी भी जुड़े थे सभा का प्रारंभ में उन्होंंने गणपति की स्तुति में दो मधुर गीत पेश किए भारतीय सिंधु सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सीए चेतन तारवानी ने सभी सदस्यों का स्वागत किया फिर अमरावती के उपाध्यक्ष द्वारा चिराग पाटिल का परिचय पढ़ा गया. संस्था के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के अलावा संत श्री युधिष्ठिर लाल जी पूज्य शदाणी दरबार तीर्थ से ,संत श्री संतोष कुमार जी शिव धारा आश्रम अमरावती से , श्री रामचन्द्र जी उल्हासनगर से सचिव बंटी जुमनानी निकी दासवानी और विभिन्न संगठनों के पदाधिकारी और सदस्य जुड़े थे प्रेस विज्ञप्ति संस्था के प्रवक्ता राम खटवानी ने जारी की ।