अण्डर40 महिला सीईओ चुनी गईं..इको टूरिज्म प्रोजेक्ट के तहत ग्रामीण महिलाओं के साथ काम कर रही हैं मौलश्री
रायपुर (khabargali) चर्चित पत्रिका फोर्बस इंडिया' ने वुमन पॉवर लिस्ट में छत्तीसगढ़ की बेटी डॉ. मौलश्री दुबे को शामिल किया है.यह प्रदेश के लिए गौरव की बात है. पत्रिका ने देश की अण्डर40 महिला सीईओ की जो सूची जारी की है, उसमें मौलश्री दुबे ने भी स्थान बनाया है. फोर्ब्स ने उनके समुदाय आधारित पर्यटन परियोजना की सराहना करते हुए उन पर विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की है. मौलश्री दुबे फिलहाल प्रोफेशनल इंस्टीटयूट आफ इंजीनियरिंग एण्ड टेक्नॉलाजी पाईटेक कंपनी की सीईओ हैं. उन्होंने कार्बन फुट प्रिंट कम करने के लिए इक्रो प्रिंटिंग, इनक्टिव प्रोजेक्ट देश के विभिन्न क्षेत्रों में किए हैं साथ ही इको टूरिज्म पर भी कार्य कर रही हैं. मौलश्री के पिता अशोक कुमार दुबे निट रायपुर इंजीनियरिंग कालेज में प्रोफेसर हैं.
बिजनेस वर्ल्ड एजुकेशन अवार्ड भी मिल चुका है मौलश्री को
आइआइएम अहमदाबाद की पासआउट हैं मौलश्री. मौलश्री बचपन से ही मेधावी रहीं. उन्होंने आइआइएम अहमदाबाद से एक्जीकिटिव एजुकेशन में डिग्री तथा इस्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में पीएच.डी की है. आरआईटी बंगलुरू की गोल्ड मेडलिस्ट मौलश्री फिलहाल पांच वर्षों से शिक्षा क्षेत्र में कार्य कर रही हैं. उन्हें पूर्व में बिजनेस वर्ल्ड एजुकेशन अवार्ड दिया जा चुका है. जानते चलें कि फोर्बस पत्रिका प्रतिवर्ष देश की शक्तिशाली और इनोवेटिच महिलाओं पर केंद्रित एक अंक का प्रकाशन करती हैं. इस वर्ष इसमें मौलश्री को भी जगह मिली है. वे कम्युनिटी बेस्ड टूरिजम प्रोजेक्ट पर कार्य कर रही हैं. इसके लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ की ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी मेहनतकश महिलाओं को जोड़ा और एक टीम भी बनाई.
ग्रामीण महिलाओं के साथ इनोवेशन कर रही हैं
छत्तीसगढ़ की ग्रामीण महिलाओं के साथ इनोवेशन कर रही हैं मौलश्री मौलश्री के मुताबिक उनकी कंपनी समुदाय आधारित पर्यटन कार्यक्रम पर जोर दे रही हैं. छत्तीसगढ़ की आदिवासी महिलाओं द्वारा बनाई गई वस्तुओं को बेचने, रोजगार पैदा करने और उनकी अर्थव्यवस्था को ऊपर उठाने के लिए गांवों में कलात्मक रूप से सामुदायिक केंद्र स्थान विकसित कर रहे हैं ताकि वे आर्थिक तौर पर ज्यादा मजबूत हो सकें. समुदाय आधारित पर्यटन परियोजना पर कार्य अपने अनुभव साझा करते हुए मौलश्री दुबे ने बताया कि गुजरे महीने वे मध्यप्रदेश और गुजरात के दौरे पर थीं. मध्य प्रदेश के पाटनगढ़ पहाड़ी इलाके में घूमते हुए उन्होंने समुदाय आधारित पर्यटन परियोजना पर काम किया और ग्रामीण महिलाओं की समस्याओं को समझा. वे बिना बुनियादी सुविधाओं के एक सप्ताह तक उन गांवों में ठहरीं जहां महिलाएं पानी के लिए मीलों पैदल चलती हैं तथा स्नान करने के लिए उन्हें बांस और साड़ी से बने स्नानगृह की शरण लेनी पड़ती है. हमने गांव में पानी की एक-एक बूंद की कीमत समझी. अरडोरकॉम मीडिया ने हाल ही में शिक्षा और नेतृत्व पर एक शिखर सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें मौलश्री ने भी अपना वक्तव्य दिया था. इसमें देश भर के विश्वविद्यालयों के प्रख्यात शिक्षाविदों, निदेशकों, कुलपतियों ने हिस्सा लिया था.
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