रायपुर (खबरगली) रायपुर सेंट्रल जेल में कांग्रेस नेता और पूर्व जनपद सदस्य जीवन ठाकुर की संदिग्ध मौत के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने इस मामले को गंभीर मानते हुए 7 सदस्यीय जांच समिति गठित कर दी है, जो पूरे प्रकरण की विस्तृत और निष्पक्ष जांच करेगी। कांग्रेस का सीधे तौर पर आरोप है कि जेल प्रशासन की लापरवाही के कारण जीवन ठाकुर की मौत हुई। इसी वजह से पार्टी ने तत्काल कार्रवाई करते हुए समिति का गठन किया है। समिति की संयोजक पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया को बनाया गया है। वहीं, विधायक सावित्री मंडावी, इंदर शाह मंडावी, जनक ध्रुव और अंबिका मरकाम को इसमें सदस्य रखा गया है।
जानकारी के मुताबिक, कांकेर जिले के सर्व आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष और जनपद पंचायत चारामा के पूर्व अध्यक्ष जीवन ठाकुर की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें रायपुर के डॉ. भीमराव अंबेडकर (मेकाहारा) अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 4 दिसंबर की सुबह 7:45 बजे उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार 6 दिसंबर को उनके गांव मायना में किया गया।
परिवार और आदिवासी समाज ने उठाए गंभीर सवाल
परिजनों और आदिवासी समाज ने इस मौत को पूरी तरह संदिग्ध बताया है। उनका कहना है कि, 2 दिसंबर को जीवन ठाकुर को बिना पूर्व सूचना के रायपुर सेंट्रल जेल भेज दिया गया। परिवार को न तो ट्रांसफर की जानकारी दी गई, न तबीयत बिगड़ने की, न अस्पताल में भर्ती कराने की। वायरलेस संदेश के अनुसार, 4 दिसंबर की सुबह 4:20 बजे उन्हें अस्पताल लाया गया, जहां सुबह 7:45 बजे उन्होंने दम तोड़ दिया। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि परिवार को मौत की जानकारी शाम 5 बजे दी गई। इन आरोपों के बाद कांग्रेस की जांच समिति जल्द ही PCC को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
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