शाहरुख खान समेत कई कंपनियों के खिलाफ रायपुर कोर्ट में मामला दर्ज, 29 मार्च को होगी सुनवाई

Case filed in Raipur court against Shahrukh Khan and many companies, hearing will be held on March 29, Chhattisgarh, Khabargali

रायपुर (खबरगली) बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के खिलाफ छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के कोर्ट में मामला दर्ज किया गया है। अधिवक्ता फैजान खान ने उनके खिलाफ विमल पान मसाला, फेयर एंड हैंडसम और ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म रमी के विज्ञापनों को भ्रामक बताते हुए कानूनी कार्रवाई की मांग की है। उनका आरोप है कि इन विज्ञापनों से देश के युवा और बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, जिससे कैंसर और गरीबी जैसी गंभीर समस्याओं को बढ़ावा मिल सकता है। इस मामले की सुनवाई 29 मार्च को होगी।

शाहरुख खान समेत कई कंपनियों पर मुकदमा

शाहरुख खान के अलावा, इस मामले में कई बड़ी कंपनियों को भी आरोपी बनाया गया है। अधिवक्ता फैजान खान ने गूगल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (यूट्यूब इंडिया), अमेज़न इंडिया (प्राइम वीडियो), नेटफ्लिक्स इंडिया, एम्स लिमिटेड (फेयर एंड हैंडसम), आईटीसी लिमिटेड (विमल पान मसाला), और हेड डिजिटल वर्क्स प्राइवेट लिमिटेड (ए23 रमी) के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया है।

यह है आरोप

आरोप है कि ये कंपनियां ऐसे विज्ञापन चला रही हैं, जो युवाओं और बच्चों को गलत दिशा में ले जा सकते हैं और उनके स्वास्थ्य पर गंभीर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इन विज्ञापनों के माध्यम से न केवल कैंसर और गरीबी जैसी समस्याओं को बढ़ावा दिया जा रहा है, बल्कि समाज पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। रायपुर के न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए त्वरित संज्ञान लिया और सिविल केस नंबर 99/2025 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।

अधिवक्ता फैजान खान और अधिवक्ता विराट वर्मा की बहस के बाद दंडाधिकारी कृति कुजूर की अदालत ने इस मामले पर तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया है। मुकदमे में मानहानि, उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन, बौद्धिक संपत्ति का दुरुपयोग, और अन्य सिविल अपराधों के आरोप लगाए गए हैं। अदालत ने संकेत दिया है कि इस मामले में त्वरित सुनवाई होगी ताकि जनहित को ध्यान में रखते हुए उचित फैसला लिया जा सके। अधिवक्ता विराट वर्मा ने कहा कि शाहरुख खान एक बड़े सेलिब्रिटी हैं और उनकी जिम्मेदारी बनती है कि वे ऐसे उत्पादों का प्रचार न करें, जो समाज पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। उनके अनुसार, इन विज्ञापनों से न केवल लोग गुमराह हो रहे हैं, बल्कि वे स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याओं के प्रति भी लापरवाह हो सकते हैं।

वहीं, अधिवक्ता फैजान खान, जिन्होंने इस केस को दर्ज कराया है, ने इस मुकदमे को जनहित में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से जनता को भ्रमित करने वालों को जवाबदेह ठहराया जाए। न्यायपालिका से हमें उम्मीद है कि इस मामले में निष्पक्ष फैसला आएगा और समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिलेगा।

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