सरकार ने दिया दिवाली का तोहफा, 265080 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा

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आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 की घोषणा

कांग्रेस का दावा, अर्थव्यवस्था की दुर्दशा छिपाने के लिए इस पैकेज का एलान

नई दिल्ली (khabargali) वैश्विक महामारी कोरोना और उनके संक्रमण को रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन की वजह से सुस्ती से जूझ रही इकॉनमी को सहारा देने के लिए सरकार ने आज आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 की घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इसके तहत 265080 करोड़ रुपये के 12 उपायों की घोषणा की। इसमें फर्टिलाइजर के लिए 65000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। सरकार का दावा है कि इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगी। साथ ही कोरोना वैक्सीन के शोध एवं विकास के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सीतारमण ने कहा कि 2,65,080 करोड़ रुपये की यह राशि जीडीपी का 15 फीसदी है। उन्होंने कहा कि कोविड वैक्सीन के शोध एवं विकास के लिए 900 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कोविड सुरक्षा मिशन के तहत यह राशि डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी को दी जाएगी। कैपिटल और इंडस्ट्रियल एक्सपेंडीजर के लिए अतिरिक्त 10200 करोड़ रुपये जाएंगे। इससे रक्षा उपकरण बनाने वाली घरेलू कंपनियों और ग्रीन एनर्जी कंपनियो को फायदा होगा।

एक्सपोर्ट बढ़ाने पर सरकार का जोर

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट बढ़ाने के लिए एक्जिम बैंक को 3000 करोड़ रुपये लाइन ऑफ क्रेडिट के रूप में दिए जाएंगे। इसी तरह पीएम गरीब कल्याण रोजगार योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान। इसके लिए रूरल इकॉनमी को बढ़ावा मिलेगा। फर्टिलाइजर के लिए 65000 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इससे 14 करोड़ किसानों को फायदा होगी। देश में खाद की खपत 2019-20 के मुकाबले 17.8 फीसदी बढ़ी है।

रियल एस्टेट को बूस्ट मिलेगा

सरकार एनआईआईएफ के डेट प्लेटफॉर्म में 6000 करोड़ रुपये इकि्वटी के रूप में निवेश करेगी। डेवलपर्स और घर खरीदारों को इनकम टैक्स में राहत। इससे रियल एस्टेट को बूस्ट मिलेगा और मध्य वर्ग को राहत मिलेगी। सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू में अंतर को 10 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का फैसला किया गया है। कंस्ट्रशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में लगी कंपनियों को कैपिटल और बैंक गारंटी में राहत दी गई है। परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को कम करके 3 फीसदी किया गया है। इससे ठेकेदार कंपनियों को राहत मिलेगी।

18000 करोड़ रुपये पीएम आवास योजना के लिए

सीतारमण ने कहा कि पीएम आवास योजना अर्बन के लिए 18000 करोड़ का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इससे देश के गरीबों को फायदा होगा। 78 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे बाजार में मांग पैदा होगी और गरीब को पक्का मकान मिलेगा। 10 चैंपियन सेक्टरों के लिए 1.46 लाख करोड़ रुपये की प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव योजना की घोषणा सरकार कल ही कर चुकी थी। यह भी आत्मनिर्भर भारत अभियान 3.0 का हिस्सा है।

क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम बढ़ी

कामत कमेटी की सिफारिश के मुताबिक 26 दबावग्रस्त सेक्टरों और स्वास्थ्य सेक्टर के लिए ईसीजीएलजीएस के तहत लाभ दिया गया है। मूलधन चुकाने के लिए 5 साल का समय दिया गया है। यह योजना 31 मार्च 2021 तक रहेगी। इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ईसीजीएलएस) को 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दिया गया है।

घरेलू निर्माण को मिलेगा बढ़ावा

आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना रोजगार को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना की घोषणा। संगठित क्षेत्र में रोजगार को बल मिलेगा। पंजीकृत ईपीएफओ प्रतिष्ठान से जुड़ने वाले कर्मचारी को इसका फायदा होगा। इससे उन लोगों का फायदा मिलेगा जो पहले ईपीएफओ से नहीं जुडे थे या जिनकी इस साल 1 मार्च से 30 सितंबर के बीच नौकरी चली गई हो। यह योजना 1 अक्टूबर 2020 से लागू होगी और यह 30 जून 2021 तक रहेगी। इसके तहत केंद्र सरकार अगले दो साल तक सब्सिडी देगी। जिस संस्था में 1000 तक कर्मचारी हैं, उसमें 12 फीसदी कर्मचारी और 12 फीसदी नियोक्ता हिस्सा केंद्र देगी। 1000 से अधिक कर्मचारियों वाली संस्थाओं में केंद्र कर्मचारी के हिस्से का 12 फीसदी देगा।

कांग्रेस का दावा, अर्थव्यवस्था की दुर्दशा छिपाने के लिए इस पैकेज का एलान

पैकेज की घोषणा के बाद देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने गुरुवार को दावा किया कि देश की अर्थव्यवस्था भयानक मंदी की चपेट में है और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस स्थिति को दबाने के लिए पैकेज की घोषणा की है। कांग्रेस ने यह दावा मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही के दौरान जीडीपी में गिरावट संबंधी अनुमान को लेकर किया। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने यह भी आरोप लगाया है कि वित्त मंत्री सीतारमण के पास अर्थव्यवस्था को पटनी पर लाने की कोई योजना नहीं है। बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने अनुमान जताया है कि वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही (जुलाई से सितंबर) में जीडीपी 8.6 फीसदी तक सिकुड़ जाएगी। चिदंबरम ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, देश के इतिहास में पहली बार अर्थव्यवस्था मंदी में चली गई है। इससे संबंधित जो आंकड़े सामने आ रहे हैं उनसे संकेत मिलता है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी में 8.6 फीसदी की गिरावट आई है। लगातार दो तिमाहियों में नकारात्मक विकास दर का मतलब भयानक मंदी है।

मौजूदा समय में चार कदमों की जरूरत : चिदंबरम

उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मौजूदा समय में चार कदमों की जरूरत है। पहला यह कि किसानों को उनकी उपज का उचित दाम मिले। उन्हें पूरा न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना चाहिए। मांग को बढ़ाने की जरूरत है। नए रोजगार के सृजन की जरूरत है। राज्यों को केंद्र की ओर से अधिक पैसा दिया जाए।

जीडीपी ही घट गई है : जयराम रमेश

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि पहली बार हो रहा है कि जीडीपी विकास दर में कमी नहीं, बल्कि जीडीपी ही घट गई है। उन्होंने कहा, ‘मोटी-मोटी घोषणाएं की गई हैं और इनका क्या असर होगा, यह आगे पता चलेगा। लेकिन वित्त मंत्री ने रिजर्व बैंक के अनुमान से जुड़ी खबर को दबाने के लिए ही पैकेज की घोषणा की।’