विदेशी मेहमान और गोल्ड का व्यापार करने का झांसा देकर युवती ने ठग लिए 11 लाख 11 हजार

Online fraud, social media, Balrampur, foreign woman, gold trade, Chhattisgarh, Khabargali

बलरामपुर (khabargali)छत्तीसगढ़ के आम लोग किस कदर अजनबियों से सोशल मीडिया के माध्यम से जुड़कर ठगी का शिकार हो रहे हैं आए दिन मीडिया में ऐसी खबरें आ रही हैं। कथित विदेशी मेहमान और उसके द्वारा भारत में सोना का व्यवसाय करने का झांसा देकर युवती ने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर बलरामपुर के एक युवक से 11 लाख 11 हजार 950 लाख रुपए से अधिक की ठगी कर ली। युवती द्वारा पांच हजार पाउंड डालर लेकर नई दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरने का झांसा देकर भारतीय मुद्रा में परिवर्तन सहित अलग-अलग कारण बताकर अलग-अलग खातों में रकम जमा करा ली गई। युवक के दिल्ली पहुंचने के बाद उसे ठगी का पता चला। उसने बलरामपुर थाने में घटना की लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले में आरोपित बिनाका एलेक्स रोज, सन्नी गुगलानी, कुलविन्दर सिंह, सागर अधिकारी, सलमान, दीपाना सिंह नामक लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज कर उनके द्वारा बताए गए बैंक खातों के आधार पर खोजबीन शुरू कर दी है।

ये है मामला

ठगी के शिकार राजेश सिंह के इंस्ट्राग्राम आईडी में एक युवती द्वारा संदेश भेजा जाता था। शुरुआती दिनों में राजेश उसका जबाब न देकर संदेश डिलीट करता रहा। कुछ दिन बाद उस आइडी से अपना परिचय बता कर फोटो भेजकर राजेश से व्हाट्सअप नंबर मांगा गया। इसके बात व्हाट्सएप के माध्यम से बातचीत शुरू हुई। युवती ने खुद को ब्रिटेन का बताया। भारत में सोने का व्यापार करने का झांसा भी दिया। अचानक एक दिन उसने अपना पासपोर्ट, वीजा और प्लेन टिकट भेजकर भारत आना फाइनल हो जाने की जानकारी दी। उसने सोने की खरीदारी में मदद का भी आग्रह किया। बीते 19 नवंबर को राजेश के मोबाइल में एक नए नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने अपना नाम दीपाना सिंह बताया जबकि ट्रू कॉलर में वह नाम सन्नी गुगलानी दिखा रहा था। फोन करने वाले ने दिल्ली एयरपोर्ट में किसी मेहमान के आने की जानकारी दी। कथित विदेशी युवती ने भी उससे अंग्रेजी में बात की। थोड़ी देर बाद उसी नंबर से विदेशी युवती के कोविड जांच के लिए 18 हजार 600 रुपए मांगे गए। आरोपित ने कुलविंदर सिंह नामक व्यक्ति का खाता नंबर दिया, जिस पर राजेश ने उक्त रकम जमा कर दी। बाद में राजेश पर दबाब बनाया कि उन्होंने सुनने में गलती की है। कोविड जांच और पंजीयन का कुल 86 हजार 600 रुपये लगेगा फिर 69 हजार रुपए और मंगा लिए गए। इस प्रक्रिया के दौरान कथित विदेशी युवती ने रो-रो कर भारत में सिर्फ उसे ही अपना हितैषी बताकर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर प्रभावित भी किया। एक घंटे बाद राजेश के पास फिर से फोन आया कि संबधित विदेशी युवती के लगेज जांच के दौरान 500 हजार पाउंड डालर निकले हैं। जब इनसे पूछताछ की गई, तो बताया गया कि भारत में सोने के व्यवसाय के लिए आई है। ऐसे में विदेशी रकम को एक्सचेंज करना पड़ेगा, इसके लिए दो लाख पचपन हजार रुपये लगेंगे। विदेशी मुद्रा की भारतीय मुद्रा में राशि चार करोड़ 96 लाख होने का झांसा देकर राजेश के खाते में ही अंतरित करने का भी झांसा दिया गया। राजेश ने बिना जांच पड़ताल के उक्त रकम को भी जालसाजों द्वारा दिए गए किसी सलमान नामक व्यक्ति के खाते में जमा कर दी। आरोपितों ने कथित रूप से झांसा दिया कि रायल बैंक ऑफ स्काटलैंड शाखा में वे लोग मौजूद हैं। रकम विनिमय में थोड़ा वक्त लग रहा है क्योंकि बैंक में भीड़ है। उक्त विदेशी रकम विनिमय के बाद राजेश के खाते में ट्रांसफर करने के नाम पर कुछ देर बाद उसे मेल आया, जिसमें सात लाख 47 हजार 350 रुपए की और मांग की गई। इस पर राजेश सिंह ने संबधित लोगों को समझाया कि बैंक वाले को बोले कि उक्त रकम काट कर शेष राशि दे दें। मगर, आरोपितों को राजेश को ठगना था इसलिए बैंक का अधिकारी बताकर एक अन्य व्यक्ति से बात कराई गई, जिसमें जालसाज ने कहा कि निर्धारित रकम जमा करने पर ही आगे की प्रक्रिया पूरी होगी। कथित रूप से वह युवती मदद मांग कर जोर-जोर से रोने लगी। फिर राजेश ने मांगी गई रकम भी आनलाइन ट्रांसफर कर दी।

ठगी के बाद व्यवहार बदला और नम्बर किया बंद

शिकायत के मुताबिक कुल 11 लाख 11 हजार 950 रुपए की ठगी के बाद आरोपितों का व्यवहार बदल गया। जो रकम राजेश के खाते में जमा होने का वादा किया गया था, वह रकम नहीं आई। अगले दो दिन सभी लोग राजेश को भ्रमित करने लगे। इतने में भी राजेश को ठगी का एहसास नहीं हुआ था। फिर संबधित लोगों से मुलाकात करने की मंशा से वह दिल्ली चला गया। राजेश के दिल्ली पहुंचते ही सभी मोबाइल बंद हो गए। राजेश उस बैंक में भी पहुंचा जहां से उसे मेल आया था। वहां जाने पर पता चला कि बैंक के नाम पर गलत आइडी बनाकर धोखाधड़ी की जा रही है। राजेश सिंह ने विदेशी मेहमान के ठहरने के नाम पर सागर अधिकारी नामक व्यक्ति के खाता में भी रहने-खाने के लिए 23 हजार रुपये जमा किए थे। ठगी का पता चलने पर उसने घटना की लिखित शिकायत बलरामपुर थाने में दर्ज कराई है।