प्राकृतिक समृद्धि

ख़बरगली@साहित्य डेस्क

छत्तीसगढ़, भारत के मध्य स्थित एक ऐसा राज्य है जो प्राकृतिक संसाधनों लौह, कोल , हीरे व वन्यजीवों की विविधता के खजाने से भरपूर है, तथा इसे मध्य भारत का फेफड़ा भी कहा जाता है परंतु यहाँ के सामान्य नागरिकों को आज भी अन्य राज्यों में श्रमिक की भूमिका में पाया जा रहा है। इस खूबसूरत धरातल पर बसे लोग, अपनी खुद की भूमि पर श्रमिक के रूप में क्यों बने हुए हैं? इसका एक सशक्त उदाहरण है हसदेव जंगल के पेड़ों के कटाव और कोल खदानों से उत्पन्न समस्याओं के फलस्वरूप श्रमिक बनते आदिवासियों की स्तिथियों का होना।