a naked clay effigy of Sahastrabahu is prepared

 सहस्त्रबाहु का मिट्टी से बना नग्न पुतला तैयार किया जाता है...

धमतरी (खबरगली) जहाँ देश भर में दशहरे का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में रावण के दहन के साथ मनाया जाता है, वहीं छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले का सिहावा क्षेत्र एक बिल्कुल ही अलग और अनूठी परंपरा को जीवित रखे हुए है। यहां न तो दशमी को रावण का पुतला जलाया जाता है और न ही आतिशबाजी होती है। इसके बजाय, एकादशी के दिन एक नग्न सहस्त्रबाहु के पुतले का वध किया जाता है। खास बात यह है कि इस अनुष्ठान को देखने की अनुमति महिलाओं को नहीं होती। सदियों पुरानी यह परंपरा सिहावा की पहचान बन गई है और हर साल