सदाकत आश्रम

ख़बरगली (साहित्य डेस्क) बिहार के एक विद्यालय में परीक्षा समाप्ति के बाद कक्षाध्यापक महोदय सबको परीक्षाफल सुना रहे थे। उनमें एक प्रतिभाशाली छात्र राजेन्द्र भी था। उसका नाम जब उत्तीर्ण हुए छात्रों की सूची में नहीं आया, तो वह अध्यापक से बोला - गुरुजी, आपने मेरा नाम तो पढ़ा ही नहीं। अध्यापक ने हँसकर कहा - तुम्हारा नाम नहीं है, इसका साफ अर्थ है तुम इस वर्ष फेल हो गये हो। ऐसे में मैं तुम्हारा नाम कैसे पढ़ता ?