आदिपुरुष के मेकर्स और सेंसर बोर्ड को HC की कड़ी फटकार..जारी की नोटिस

The High Court reprimanded the makers and the censor board of Adipurush, issued a notice, alleging that Ramkatha was shown low-level, Ramayana, Shriram, Janaki, Shesh, Hanuman, Ravana, News, khabargali

कहा- सहिष्णुता का टेस्ट लेंगे क्या?', रामायण-गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो बख्श दें

रामकथा को निम्नस्तरीय दिखाने का लगा था आरोप

लखनऊ (khabargali) आदिपुरुष मेकर्स की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. रिलीज के दस दिन बाद भी फिल्म पर जारी विवाद थम नहीं रहा बल्कि और बढ़ता जा रहा है. फिल्म के डायलॉग्स को लेकर कड़ी आपत्ति जताई गई थी.संवाद पर बढ़ती लोगों की आपत्ति को देखते हुए मेकर्स ने फिल्म के आपत्तिजनक डायलॉग्स में भी बदलाव किया था. लेकिन इस भी उनकी फजीहत ही हुई थी. लेकिन अब ये मामला कोर्ट जा पहुंचा है. इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने सख्त रुख अपनाया. इलाहबाद हाई कोर्ट ने राइटर मनोज मुंतशिर शुक्ला को आपत्तिजनक डायलॉग्स और फिल्म मेकर को विवादित सीन्स के लिए नोटिस भेजा है.

कोर्ट ने फिल्म निर्माताओं को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा, कम-से-कम रामायण, कुरान, गुरुग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो बख्श दीजिए. बाकी जो करते हैं, वो तो कर ही रहे हैं। जस्टिस राजेश सिंह चौहान व जस्टिस श्रीप्रकाश सिंह की अवकाशकालीन खंडपीठ ने सोमवार को यह टिप्पणी कुलदीप तिवारी की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की. खंडपीठ ने फिल्म के निर्माता, निर्देशक सहित अन्य प्रतिवादियों की कोर्ट में अनुपस्थिति पर नाराजगी जताई.

सेंसर बोर्ड को भी घेरा

27 जून को हुई सुनवाई में अदालत ने फटकार लगाते हुए सीबीएफसी यानी सेंसर बोर्ड की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि आपत्तिजनक दृश्यों, कपड़ों और सीन्स के बारे में क्या किया जा रहा है? अगर हम लोग इस पर भी आंख बंद कर लें क्योंकि ये कहा जाता है कि ये धर्म के लोग बड़े ही सहिष्णु हैं तो क्या उसका टेस्ट लिया जाएगा? क्या यह सहनशीलता की परीक्षा है? यह कोई प्रोपेगेंडा के तहत की गई याचिका नहीं है.

हाई कोर्ट ने पूछा- क्या सेंसर बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारी निभाई? ये तो अच्छा है कि ये उस धर्म के बारे में है, जिसे लोगों ने कोई पब्लिक ऑर्डर का प्रॉब्लम क्रिएट नहीं किया. यहां तो भगवान राम, हनुमान और सीता मां को ऐसे दिखाया गया है, जैसे क्या ही हैं.

आदिपुरुष टीम को जारी नोटिस

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने कहा कि आदिपुरुष फिल्म में मां सीता, हनुमान और बाकि पौराणिक पात्रों का चित्रण आपत्तिजनक है. इसी वजह से फिल्म निर्माता, संवाद लेखक को नोटिस जारी किया गया है. वहीं सीबीएफसी से यह बताने को कहा गया है कि रिलीज की अनुमति देने से पहले क्या कदम उठाए गए थे?

याची ने इन तथ्यों को कोर्ट के समक्ष रखा था

याची की ओर से अधिवक्ता रंजना अग्निहोत्री ने फिल्म में रावण के चमगादड़ को मांस खिलाने, काले रंग की लंका, चमगादड़ को रावण का वाहन बताने, सुषेन वैद्य की जगह विभीषण की पत्नी के लक्ष्मण को संजीवनी बूटी देने, आपत्तिजनक संवादों समेत अन्य तथ्यों को कोर्ट के समक्ष रखा था जिस पर कोर्ट ने सहमति जताई.

AICWA ने भी लगाया भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप

इस बीच ऑल इंडिया सिने वर्कर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर आदिपुरुष के निर्माता, निर्देशक और लेखक के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है. पत्र में लिखा गया है, 'यह पत्र आपका ध्यान आदिपुरुष नाम की फिल्म की ओर आकर्षित करने के लिए है, जो 16 जून 2023 को भारत भर के सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी, जो हिंदू धर्म और भगवान राम, मां सीता और रामसेवक भगवान हनुमान में विश्वास और प्रार्थना करने वाले लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रही है.'

केस दर्ज करने की मांग- पत्र में आगे लिखा है, इस फिल्म में भगवान राम और संपूर्ण रामायण की छवि को दर्शाया गया है और निर्माता मल्टीप्लेक्स में रियायती टिकट बेचकर पैसा कमाना चाहते हैं, जिससे रामायण के बारे में हमारी सीख और आस्था के बारे में गलत संदेश जाएगा. निर्माता टी- सीरीज और प्रोड्यूसर, राइटर मनोज मुंतसिर और डायरेक्टर ओम राउत ने डायलॉग, कॉस्ट्यूम और पात्रों को तोड़-मरोड़ कर रामायण का मजाक उड़ाया है, जो किसी के लिए भी अस्वीकार्य है। इसके अलावा उन्होंने मेकर्स के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है.