आज से बदल गया जम्मू-कश्मीर का इतिहास- भूगोल

370 jammu kashmir

जम्मू-कश्मीर में एक देश, एक विधान और एक निशान लागू

देश में कुल केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या 9 हुई

नई दिल्ली ( khabargali) जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बीती बुधवार मध्यरात्रि को समाप्त हो गया और इसके साथ ही अब दो नए केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख अस्तित्व में आ गए.  दोनों का  इतिहास और भूगोल बदल गया. इसी के साथ अब देश में कुल केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या 9 हुई. अनुच्छेद 370 के तहत मिले विशेष दर्जे को संसद द्वारा समाप्त किए जाने के 86 दिन बाद यह निर्णय प्रभावी हुआ है. गृह मंत्रालय का बुधवार देर रात जारी अधिसूचना में, मंत्रालय के जम्मू-कश्मीर संभाग ने प्रदेश में केंद्रीय कानूनों को लागू करने समेत कई कदमों की घोषणा की. इसी के साथ देश में एक देश, एक विधान, एक निशान लागू हो गया है. अब देश में कुल राज्य 28 रह जाएंगे, जबकि कुल केंद्रशासित प्रदेशों की संख्या 9 हो गई है। 

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती का दिन चुना

देश के पहले गृहमंत्री और 560 से ज्यादा रियासतों का विलय करने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर दोनों केंद्रशासित प्रदेश वजूद में आए हैं. उल्लेखनीय है कि एम.जे. अकबर की किताब 'कश्मीर बिहाइंड द वेल' और अशोक पांडेय की किताब 'कश्मीरनामा' के अनुसार 12 अक्टूबर 1949 को संविधान सभा में अनुच्छेद 370 पर चल रही तीखी बहस के दौरान सरदार पटेल ने कहा था, 'उन विशेष समस्याओं को ध्यान में रखते हुए जिनका सामना जम्मू-कश्मीर की सरकार कर रही है, हमने केंद्र के साथ राज्य के संवैधानिक संबंधों को लेकर वर्तमान आधारों पर विशिष्ट व्यवस्था की है.' 
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुरुवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' पर सरदार वल्लभ भाई पटेल को पुष्पांजलि अर्पित की. प्रधानमंत्री जब पटेल को पुष्पांजलि अर्पित कर रहे थे तभी भारतीय वायुसेना के एक हेलीकॉप्टर से भी दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा पर फूल बरसाए गए. पटेल की जयंती को “राष्ट्रीय एकता दिवस” के तौर पर मनाया जाता है. प्रधानमंत्री ने आज “एकता दिवस परेड” में हिस्सा लिया और तकनीकी प्रदर्शन स्थल का दौरा किया.

जम्मू-कश्मीर में बढ़ेगी विधानसभा सीटें

प्रस्तावित परिसीमन के मुताबिक केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में 7 सीटें बढ़ सकती हैं. 7 सीटें बढ़ने पर केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में 90 सीटें हो जाएंगी. माना जा रहा है कि जम्मू के इलाके की सीटें बढ़ेंगी. जम्मू संभाग की आबादी 69 लाख है, और वहां से 37 सीटें हैं जबकि कश्मीर घाटी की आबादी 53 लाख है, और वहां से 43 सीटें हैं.

आज से जम्मू-कश्मीर में क्या -क्या बदलेगा जानिए

1.  अब तक पूर्ण राज्य रहा जम्मू-कश्मीर गुरुवार यानी 31 अक्टूबर से दो अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेशों में बदल गया. 
2.  जम्मू-कश्मीर राज्य पुनर्गठन कानून के तहत लद्दाख अब बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश और जम्मू-कश्मीर विधानसभा सहित केंद्र शासित प्रदेश बन गया है.
3.  अब तक जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल पद था लेकिन अब दोनों केंद्रशासित प्रदेशों में उप-राज्यपाल होंगे. जम्मू-कश्मीर के लिए गिरीश चंद्र मुर्मू तो लद्दाख के लिए राधा कृष्ण माथुर को उपराज्यपाल बनाया गया है.
4.  अभी दोनों राज्यों का एक ही हाईकोर्ट होगा लेकिन दोनों राज्यों के एडवोकेट जनरल अलग होंगे. सरकारी कर्मचारियों के सामने दोनों केंद्र शासित राज्यों में से किसी एक को चुनने का विकल्प होगा.
5.  राज्य में अधिकतर केंद्रीय कानून लागू नहीं होते थे, अब केंद्र शासित राज्य बन जाने के बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दोनों राज्यों में कम से कम 106 केंद्रीय कानून लागू हो पाएंगे.
6.  इसमें केंद्र सरकार की योजनाओं के साथ केंद्रीय मानवाधिकार आयोग का कानून, सूचना अधिकार कानून, एनमी प्रॉपर्टी एक्ट और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकने वाला कानून शामिल है.
7.  जमीन और सरकारी नौकरी पर सिर्फ राज्य के स्थाई निवासियों के अधिकार वाले 35-ए के हटने के बाद केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में जमीन से जुड़े कम से कम 7 कानूनों में बदलाव होगा.
8.  राज्य पुनर्गठन कानून के तहत जम्मू-कश्मीर के करीब 153 ऐसे कानून खत्म हो जाएंगे, जिन्हें राज्य के स्तर पर बनाया गया था. हालांकि 166 कानून अब भी दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में लागू रहेंगे.
9.  राज्य के पुनर्गठन के साथ राज्य की प्रशासनिक और राजनैतिक व्यवस्था भी बदल रही है. जम्मू-कश्मीर में जहां केंद्र शासित प्रदेश बनाने के साथ साथ विधानसभा भी बनाए रखी गई है. वहां पहले के मुकाबले विधानसभा का कार्यकाल 6 साल की जगह देश के बाकी हिस्सों की तरह 5 साल का ही होगा.
10.  पहले कैबिनेट में 24 मंत्री बनाए जा सकते थे, अब दूसरे राज्यों की तरह कुल सदस्य संख्या के 10% से ज़्यादा मंत्री नहीं बनाए जा सकते हैं.
11. जम्मू कश्मीर विधानसभा में पहले विधान परिषद भी होती थी, वो अब नहीं होगी. हालांकि राज्य से आने वाली लोकसभा और राज्यसभा की सीटों की संख्या पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
12. विधानसभा में अनुसूचित जाति के साथ साथ अब अनुसूचित जनजाति के लिए भी सीटें आरक्षित होंगी.
13. केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर से 5 और केंद्र शासित लद्दाख से एक लोकसभा सांसद ही चुन कर आएगा. इसी तरह से केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर से पहले की तरह ही राज्यसभा के 4 सांसद ही चुने जाएंगे.
14. जम्मू कश्मीर में अब तक 87 सीटों पर चुनाव होते थे. जिनमें 4 लद्दाख की, 46 कश्मीर की और 37 जम्मू की सीटें थीं. लद्दाख की 4 सीटें हटाकर अब केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर में 83 सीटें बची हैं, जिनमें परिसीमन होना है
15. एक बड़ी बात ये भी है कि 31 अक्टूबर के बाद चुनाव आयोग राज्य में परिसीमन की प्रक्रिया शुरू कर सकता है. जिसमें आबादी के साथ भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक बिंदुओं पर ध्यान रखा जा सकता है.
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