आकांक्षी जिले में हो रहा वनोपज संग्रहण का बेहतर कार्य : मंत्री गुरु रुद्रकुमार

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मुख्यमंत्री ने महुआ की खरीदी 17 रूपए से बढ़ाकर 30 रूपए कर इसका लाभ सीधे आदिवासी संग्राहक परिवारों को दिया

प्रभारी मंत्री ने की सभी जिले में संचालित विकास कार्यों की सराहना

रायपुर (khabargali) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी एवं ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में कांकेर, कोण्डागांव और नारायणपुर आकांक्षी जिले वनोपज संग्रहण का बेहतर कार्य कर रहे हैं। प्रभारी मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने कहा कि राज्य शासन की मंशा के अनुरूप आकांक्षी जिले विकास के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आदिवासियों के हितों को ध्यान में रखते हुए महुआ की खरीदी 17 रूपए से बढ़ाकर 30 रूपए कर दिया है। इसका लाभ सीधे आदिवासी संग्राहक परिवारों को मिला है। लघु वनोपजों की समर्थन मूल्य पर खरीदी का दायरा भी सरकार ने बढ़ाया है। अब 31 प्रकार के लघु वनोपजों की खरीदी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। इससे आदिवासी संग्राहक परिवारों को अब उनकी मेहनत का सही मूल्य मिलने लगा है।

मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने कहा कि आंकाक्षी जिलों में विकास और निर्माण के कार्य बेहतर तरीके से संचालित हो रहे है। उन्होंने इसके लिए तीनों जिलों के अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासी क्षेत्रों के विकास और यहां के लोगों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयास कर रही है। लघु वनोपज जो आज से कुछ साल तक औने-पौने दाम पर बेचने के लिए आदिवासी विवश हुआ करते थे। प्रदेश सरकार अब उसकी खुद खरीदी समर्थन मूल्य पर करने लगी है। इससे संग्राहक के परिवारों को न सिर्फ फायदा हुआ है, बल्कि उनका उत्साह भी बढ़ा है। यही वजह है कि इस साल मात्र छह महीने की अवधि में ही लघु वनोपज संग्रहण का सालाना लक्ष्य पूरा हो गया है। छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपजों के संग्रहण और खरीदी के मामले में देश के अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है। अधिकारियों ने बताया कि राज्य शासन द्वारा इमली ऑटी, ईमली फूल, महुआ बीज, चार गुठली, साल बीज, महुआ फूल, चरोटा बीज, हर्रा, आंवला, बायबिडिंग, बहेड़ा साबूत, शहद, कुसमी लाख, रंगीन लाख, धवई फूल, कालमेघ, नागरमोथा, जामुन बीज, बेल गुदा, कूल्लू गोंद, फूल झाड़ू, कॉच बीज, करंज बीज, कालकांगनी, कुसुम बीज, तिखुर, माहुल, भेलवा, हर्रा कचरिया, बेहड़ा कचरिया, ईमली बीज, काजू बीज, वनजीरा इत्यादि लघु वनोपज की खरीदी महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किया जा रहा है। कांकेर वन वृत्त के जिला वनोपज सहकारी समिति कांकेर के अंतर्गत ग्राम स्तर के संग्रहण केन्द्रों व हॉट-बाजार स्तर के संग्रहण केन्द्रों में 11 हजार 207 संग्राहकों से 01 करोड़ 94 लाख 49 हजार 302 रूपए के लघु वनोपज खरीदे गए हैं। इसी तरह कांकेर वन वृत्त अंतर्गत कोण्डागांव जिले के वनमण्डल केशकाल और दक्षिण कोण्डागांव को मिलाकर 99 हजार 667 संग्राहकों से 36 करोड़ 92 लाख 14 हजार 980 रूपए के लघु वनोपज खरीदे गये हैं। केशकाल वनमण्डल अंतर्गत 38 हजार 58 संग्राहकों से 15 करोड़ 45 लाख 70 हजार 525 रूपए के लघु वनोपज की खरीदी की गई है। इसी कड़ी में दक्षिण कोण्डागांव वनमण्डल अंतर्गत 61 हजार 609 संग्राहकों से 21 करोड़ 46 लाख 44 हजार 455 रूपए के लघु वनोपज खरीदे गए हैं। नारायणपुर जिले में 17 हजार 623 संग्राहकों से 05 करोड़ 85 लाख 13 हजार 488 रूपए के लघु वनोपज की खरीदी की गई है।

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