जल्द ही LAC पर राफेल उड़ाती दिखाई देंगी फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी
नई दिल्ली (khabargali) इंडियन वूमन अर्थात भारतीय महिलाएं सारी वर्जनाएं तोड़कर नित नया इतिहास लिख रही हैं और वे विज्ञान, व्यापार, अंतरिक्ष, खेल, राजनीति जैसे हर क्षेत्र में नए कीर्तिमान स्थापित किए जा रही हैं । भारतीय सेना भी नारी के सशक्त स्वरूप का गवाह बन रही है।फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह दुनिया की सर्वोत्तम श्रेणी के युद्धक विमानों में एक राफेल की पहली महिला पायलट बनने जा रही हैं। राफेल जैसे ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल मिग-21 'बाइसन' की जगह लेंगे, शिवांगी इस भूमिका में आ जाएंगी। गौरतलब है कि चीन से चल रही तनातनी के बीच भारतीय वायुसेना ने राफेल विमान को एलएसी पर तैनात कर दिया है। वाराणसी की रहने वाली फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह इस वक्त राजस्थान एयरबेस में तैनात हैं और अभी मिग 21 लड़ाकू विमान उड़ाती हैं।
शिवांगी के परिवार को मिल रही बधाइयां
बेटी को मिले इस सम्मान के बाद पूरे परिवार में जबरदस्त उत्साह है और शिवांगी के परिवार को बधाइयां दी जा रही हैं। बचपन से पढ़ाई से लेकर खेलकूद में माहिर शिवांगी को उसके परिवार ने हमेशा आगे बढ़ाया। फाइटर पायलट बनने वाली शिवांगी के परिवार में उनकी मां सीमा सिंह और भाई मयंक अपनी बहन की इस उपलब्धि से काफी खुश हैं। टूर एंड ट्रैवल का काम करने वाले उनके पिता कुमारेश्वर सिंह को अपनी बेटी पर नाज है। स्कूल और कॉलेज में एनसीसी में रह चुकी शिवांगी सिंह को फाइटर पायलट बनने का जुनून उनके कर्नल रह चुके नाना से मिला था। साल 2015 में ये सपना तब पूरा हुआ, जब भारतीय वायुसेना में शिवांगी का सेलेक्शन फ्लाइंग अफसर के रूप में हुआ था।
कन्वर्जन ट्रेनिंग पूरा होते ही राफेल में भरेंगी उड़ान
बहरहाल, फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह 'कन्वर्जन ट्रेनिंग' पूरा करते ही वायुसेना के अंबाला बेस पर 17 'गॉल्डन एरोज' स्क्वैड्रन में औपचारिक एंट्री लेंगी। किसी पायलट को एक फाइटल जेट से दूसरे फाइटर जेट में स्विच करने के लिए 'कन्वर्जन ट्रेनिंग' लेने की जरूरत होती है। हालांकि, मिग-21एस उड़ा चुकीं शिवांगी के लिए राफेल उड़ाना कोई चुनौतीपूर्ण काम नहीं होगा क्योंकि मिग 340 किमी प्रति किमी की स्पीड के साथ दुनिया का सबसे तेज लैंडिंग और टेक-ऑफ स्पीड वाला विमान है।
BHU से हुई शिवांगी सिंह की पढ़ाई
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी (BHU) से पढ़ी-लिखीं फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह महिला पायलटों के दूसरे बैच की हिस्सा हैं जिनकी कमिशनिंग 2017 में हुई। भारतीय वायुसेना के पास फाइटर प्लेन उड़ाने वाली 10 महिला पायलट हैं जो सुपरसोनिक जेट्स उड़ाने की कठिन ट्रेनिंग से गुजरी हैं। आपको बता दें कि एक पायलट को ट्रेनिंग पर 15 करोड़ रुपये का खर्च आता है।
अभिनंदन के साथ उड़ा चुकी हैं मिग फाइटर प्लेन
फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह पहले राजस्थान के फॉरवर्ड फाइटर बेस पर तैनात थीं जहां उन्होंने विंग कमांडर अभिनंदन वर्तमान के साथ उड़ान भरी थी। बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय हवाई सीमा में घुसने की कोशिश कर रहे पाकिस्तानी फाइटर जेट का पीछा कर रहे अभिनंदन वर्तमान का मिग-21 विमान ही पाकिस्तानी सीमा में जा गिरा था और पाकिस्तान ने उन्हें बंदी बना लिया था। हालांकि, भारत की चेतावनियों और अंतरराष्ट्रीय दबाव के कारण पाकिस्तान को उन्हें ससम्मान रिहा करना पड़ा था।
फाइटर जेट उड़ाने वाली महिलाओं के पहला बैच में शामिल हुई थीं
फाइटर जेट उड़ाने वाली महिलाओं का पहला बैच फ्लाइट लेफ्टिनेंट अवनी चतुर्वेदी, फ्लाइट लेफ्टिनेंट भावना कांत और फ्लाइट लेफ्टिनेंट मोहना सिंह भारतीय वायुसेना में बतौर फाइटर जेट उड़ाने वाली महिला पायलटों के पहले बैच में शामिल थीं। उन्हें जून 2016 में इसकी बेसिक ट्रेनिंग दी गई थी। इन महिलाओं ने ही सशस्त्र बलों के युद्धक अभियानों से महिलाओं को बाहर रखने की नीति को धता बताते हुए नया इतिहास रचा था। क्या गजब संयोग है कि पिछले साल दिसंबर में बिहार की मुजफ्फरपुर की रहने वाली शिवांगी नाम की ही एक और महिला भारतीय नौसेना की पहली महिला पायलट बनी थीं।
तश्वीरों में शिवांगी
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