नई दिल्ली (khabargali) देश में कोरोना की दूसरी लहर ने कहर बरपा रखा है । संक्रमण की चेन टूट नहीं रही है। राज्यों के तमाम प्रयास के बावजूद हालात काबू में नहीं हो पा रहे है. हालांकि कहीं पर संक्रमण दर कम हुआ है, लेकिन अब तीसरी लहर की आशंका ने चिंता बढ़ा दी है। अगर तीसरी लहर आती है तो स्थिति को संभालना मुश्किल हो जाएगा। इससे देखते हुए केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की तैयारी कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स जो लगातार आ रहीं है उसके मुताबिक कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए केंद्र सरकार देशभर में 21 दिन के लिए लॉकडाउन लगाने की तैय्यारी में हैं। बताया जा रहा है कि संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान सेना और अर्धसैनिक बल मोर्चा संभाल सकती है। हालांकि केंद्र ने अभी देशभर में लॉकडाउन लगाने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
तीसरी लहर की आशंका
कोरोना की तीसरी लहर के अंतर्गत कोविड के नए स्ट्रेन जो मौजूदा वायरस के मुकाबले हजार गुना तेजी से फैलते हैं, उनके मौजूद होने की आशंका जताई जा रही है। इन सबके चलते केंद्र सरकार ने कोरोना संक्रमण के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ली है।
कहीं सख्त लॉकडाउन तो कहीं पर सिर्फ आंशिक
देश में लॉकडाउन को लेकर केंद्र सरकार ने फैसला राज्यों पर छोड़ दिया है। कई राज्यों द्वारा लॉकडाउन या कर्फ्यू लगाने का फैसला लिया जा रहा है। किसी राज्य में सख्त लॉकडाउन है तो कहीं पर सिर्फ आंशिक हैं। कुछ राज्यों में कंटेनमेंट जोन को लेकर भी स्पष्ट नीति नहीं है।
लॉकडाउन पर करें गंभीरता से विचार- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट और विशेषज्ञों ने भी ‘संपूर्ण लॉकडाउन’ की बात कही है। गौरतलब है कि बीते रविवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि बेकाबू होते कोरोना को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकार लॉकडाउन लगाने के बारे में गंभीरता से विचार करें।
चेन लॉकडाउन से ही टूटेगी- डॉ. गुलेरिया
एम्स दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया भी कह चुके हैं कि कोरोना संक्रमण की चेन तोड़ना इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती है. इसे लॉकडाउन की मदद से तोड़ा जा सकता है।
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