बड़ी खबर: राममंदिर पर सुप्रीम फैसला..जीत गए रामलला

ayodhya

केंद्र सरकार को तीन महीने में ट्रस्ट बनाकर मंदिर निर्माण के नियम बनाने का आदेश

सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिए अयोध्या में ही 5 एकड़ जमीन देने का फैसला

विवादित जमीन को लेकर निर्मोही अखाड़ा और शिया वक्फ बोर्ड का दावा खारिज

नई दिल्ली (khabargali ) अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुना दिया है सुप्रीम कोर्ट राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में अपना बहुप्रतीक्षित फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह स्पष्ट कह दिया कि अयोध्या की विवादित ढांचे वाली जमीन पर मंदिर बनेगा। वहीं इसके बादले मस्जिद के लिए मुस्लिमों को सरकार पांच एकड़ जमीन उपयुक्त स्थान पर देगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा। राम मंदिर निर्माण के लिए कोर्ट ने केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाने का आदेश दिया है। संविधान पीठ ने 16 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस धनन्जय वाई. चन्द्रचूड, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।  चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच जजों की बेंच ने यह फैसला सर्वसम्मति से दिया है।


 इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति यानी 5-0 से ऐतिहासिक फैसला सुनाया। हम आपको सिलसिलेवार सुप्रीम फैसला का ब्यौरा दे रहें हैं-

1. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फैसला पढ़ना शुरू किया। शिया बोर्ड की अपील खारिज की।
2. चीफ जस्टिस  गोगोई ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड के मामले पर सभी जज एक राय रखते हैं। 
3. अदालत ने कहा कि शिया वक्फ बोर्ड का दावा एकमत से खारिज हो गया है।
4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्मोही अखाड़े ने देरी से याचिका दायर की, जबकि रामलला विराजमान ने तय समय के भीतर याचिका दायर की थी।
5. सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) संदेह से परे है और इसके अध्ययन को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद खाली जमीन पर नहीं बनी थी।
6. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ढांचे के नीचे गैर इस्लामिक स्ट्रक्चर था।
7. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबरी मस्जिद को मीर बाकी ने बनवाया था और यह बाबर के समय बनी थी। अयोध्या राम की जन्मभूमि है इसपर कोई विवाद नहीं है।
8. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ढांचे के नीचे कुछ होने या आस्था-विश्वास होने से मालिकाना हक नहीं मिलता।
9. अहाते और चबूतरे पर हिंदुओं के एकाधिकार के सबूत साबित। चबूतरे पर 1855 से पहले हिंदुओं का अधिकार था।  
10. सुप्रीम कोर्ट ने कहा की जमीन का बंटवारा नहीं होगा। विवादित जमीन को तीन हिस्सों में बांटने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को तर्कसंगत नहीं माना। 
11. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड भी देर से अदालत पहुंचा। अदालत ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड अपना केस साबित करने में नाकाम।
12. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मुस्लिम पक्ष को मस्जिद के लिए दूसरी जगह जमीन मिलेगी, खाली जमीन पर नहीं बनी थी बाबरी मस्जिद ।
13. मुस्लिम पक्षों ने इस बात के सबूत पेश नहीं किए कि 1857 से पहले स्थल पर उनका ऐक्सक्लुसिव कब्जा था। 1949 तक उन्होंने वहां नमाज पढ़ा।
14. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, मुस्लिम पक्ष को नयी मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ वैकल्पिक जमीन अयोध्या में ही दी जाएगी। यह केंद्र सरकार तय करेगी कि यह 5 एकड़ जमीन कहां दी जाए।   
15. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को 3 महीने के अंदर मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाने के लिए कहा।
16. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि विवादित जमीन केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगा।
17.कोर्ट ने कहा बाबरी मस्जिद को नुकसान पहुंचाना कानून के खिलाफ था। 
18. कोर्ट ने कहा कि केंद्र ट्रस्ट स्थापित करने में निर्मोही अखाड़े को भी किसी तरह का प्रतिनिधित्व देने पर विचार करे।
19. आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि 2.77 एकड़ की विवादित भूमि का अधिकार राम लला की मूर्ति को सौंप दिया जाये, हालांकि इसका कब्जा केन्द्र सरकार के रिसीवर के पास ही रहेगा।

 देश का सबसे बड़ा और अहम मसला था जो आज खत्म हो गया: इकबाल अंसारी

मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अब क्या कहूं, यह देश का सबसे बड़ा और अहम मसला था जो आज खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि अब यह जिम्मेदारी सरकार की है कि वो हमें कहां जमीन देती है ।

फैसला हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं, पुनर्विचार याचिका पर फैसला करेंगेः जिलानी

इधर फैसले के बाद एक पत्रकार वार्ता में अयोध्या फैसले में विरोधाभास का जिक्र करते हुए मुस्लिम पक्ष उप्र सुन्नी केंद्रीय वक्फ बोर्ड के वकील जफरयाब जीलानी ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने की मंशा जाहिर की। जिलानी ने कहा कि फैसले के बाद शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखें। यह किसी की जीत या हार नहीं है।  हालांकि फैसला हमारी उम्मीदों के अनुरूप नहीं रहा। आगे की कार्रवाई पर फैसला बाद में लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फैसले में कई विरोधाभास हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड फैसले का सम्मान करता है, लेकिन फैसला संतोषजनक नहीं है ।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने फैसले का स्वागत किया

अयोध्या पर फैसले के बाद बोले मोहन भागवत,  इस निर्णय को हार-जीत के तौर पर न देखें । आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने फैसले के बाद तुरंत पत्रकारों से अपनी प्रतिक्रिया दी कि हम सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हैं। यह मामला दशकों से चल रहा था और यह सही निष्कर्ष पर पहुंच गया है। इसे जीत या हानि के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। हम समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी के प्रयासों का भी स्वागत करते हैं।  सरकार विवाद खत्म करने की पहल करे। मंदिर निर्माण में साथ मिलकर काम करेंगे। झगड़ा विवाद अब समाप्त होना चाहिए।
 सरसंघचालक ने कहा, 'पुरानी बातों को भूलकर मिलकर मंदिर निर्माण का कार्य करवाया जाए। अदालत ने मस्जिद निर्माण को लेकर जो बात कही है, वह जमीन सरकार को देनी है। सरकार इस बात को तय करेगी कि उसे कहां जमीन देनी है। जिस तरह अदालत का फैसला स्पष्ट है। वैसे ही मेरा बयान भी साफ है।'
इधर राजनाथ सिंह ने फैसले को एतिहासिक बताया। कहा कि इससे सामाजिक ताना-बाना मजबूत होगा।

अयोध्या में यह है सुरक्षा के इंतजाम

अर्धसैनिक बल, आरपीएफ और पीएसी की 60 कंपनियां एवं 1200 पुलिस कांस्टेबल, 250 सब-इंस्पेक्टर, 20 डीएसपी और 2 एसपी तैनात हैं। सुरक्षा निगरानी के लिए डबल लेयर बैरिकेडिंग और सर्विलांस के लिए 35 सीसीटीवी और 10 ड्रोनों की तैनाती की गई है । हवाई निगरानी की जा रही है। खुफिया तंत्र को तैयार किया गया है, रैंडम जांच भी की जा रही है।  फैसले से पहले 450 से अधिक गिरफ्तार, 12 हजार पर रखी जा रही। नजर ऑपरेशनों पर नजर रखने के लिए अयोध्या में एक एडीजी रैंक के अधिकारी को तैनात किया गया है ।

देश भर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम 

अयोध्या मामले में शनिवार को सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले अयोध्या समेत देश भर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। साथ ही यूपी, दिल्ली, बिहार, राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ की राजधानी में डीईओ रायपुर के आदेशानुसार स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। फैसले के बाद शांति-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है और सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाए जाने के मद्देनजर देश के लोगों से शांति और सौहार्द का वातावरण बनाए रखने की अपील की। 

प्रियंका ने की थी अपील

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को देखते हुए देश की एकता, सामाजिक सद्भाव, और आपसी प्रेम बनाए रखने की अपील की।

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