डॉ. मनोज लाहोटी मारपीट मामला उफान पर..महिला आयोग अध्यक्ष ने दिए जांच के आदेश

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घटना के विरोध में आक्रोशित जूनियर डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर किया काम

रायपुर (khabargali) राजधानी रायपुर के सुयश अस्पताल के डॉयरेक्टर डॉक्टर मनोज लाहोटी के साथ बंद कमरे में मारपीट मामला उफान पर है।मारपीट के बाद डॉक्टर्स में भारी रोष देखने को मिल रहा है। घटना के विरोध में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन (रेजिडेंट डॉक्टर्स) ने काली पट्टी बांधकर काम कर रहे है। JUDO में इस घटना को लेकर भारी रोष है। ये मामला अब आयोग की चार दीवारी से निकल कर मुख्यमंत्री निवास भी पहुंच गया है। डॉक्टरों के समूह ने राज्य आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक के पीए पर यह मारपीट का आरोप लगाया है। इस मामले में आयोग के कर्मचारी अभिषेक सिंह के खिलाफ FIR दर्ज हो गई है। मारपीट, लूटपाट, जान से मारने की धमकी समेत कई गैरजमानती धाराएं लगे हैं। आरोपी अभिषेक सिंह पुलिस हिरासत में है। इसके खिलाफ पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने दिए जांच का आदेश

मामले में राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि हर व्यक्ति किसी न किसी के साथ जुड़ा होता है और अगर उसका कोई पर्सनल मुद्दा होता है, तो उसके लिए हम लोग जिम्मेदार नहीं होते हैं। पूरा मामला पुलिस तक पहुंच गया है तो अब यह पुलिस के जांच का विषय है। आरोपी को हमने पद से हटाने के लिए पत्र लिख दिया है, लेकिन हम यह चाहेंगे कि दोनों ही पक्ष आमने-सामने आकर अपनी बात रखें।

यह है पूरा मामला

पूरा मामला करीब 3 साल पुराना (2018 का) है. जब एक महिला मरीज ने सुबह-सुबह डॉ मनोज लाहोटी को फोन किया। मरीज ने डॉक्टर को बताया कि वे उनकी पुरानी मरीज है और जांच करवाना चाहती है। डॉक्टर ने उन्हें टाईम दिया और अस्पताल बुलाया। अस्पताल आने के बाद 2-3 घंटे तक जब महिला का नंबर नहीं आया तो मरीज ने वहां हंगामा मचाना शुरू कर दिया। स्टॉफ ने इसकी जानकारी डॉ लाहोटी को दी। इसके बाद डॉ लाहोटी से मरीज ने कहा कि उन्हें एक दूरबीन जांच करवानी है लेकिन डॉक्टर ने उन्हें कहा उससे पहले कुछ और जांच भी जरूरी है। लेकिन मरीज अड़ी रही कि उन्हें दूरबीज जांच ही करवानी है, इस पर डॉक्टर ने कहा कि यदि उन्हें ज्यादा दिक्कत है तो वे अस्पताल की कैज्युअलटी में भर्ती हो जाएं स्थिति सामान्य होने के बाद वे पुनः जांच कर लेंगे। इसी दौरान पता चला कि मरीज को डॉ लाहोटी ने करीब 10-11 साल पहले (2007 में) देखा था तब उनकी क्लीनिक कही और थी।

सरस्वती नगर थाने भी पहुंचा था मामला

मामला सरस्वती नगर थाने पहुंचने के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच की और चंद दिनों पहले ही मामला नस्तीबद्ध किया। इसी दौरान महिला ने मेडिकल काउंसिल में भी इसकी शिकायत की। कुछ दिनों पहले ही इस मामले की सुनवाई काउंसिल में भी हुई। वहां भी डॉक्टर और मरीज के बीच तीखी नोकझोंक हुई थी। लेकिन मामला इलाज में लापरवाही का नहीं था इसलिए काउंसिल ने भी मामला नस्तीबद्ध कर दिया। लेकिन वहीं महिला ने डॉक्टर की फोटो अपने मोबाइल से खिंची और काउंसिल में मौजूद डॉक्टरों को बताया कि उन्होंने (मरीज) ने मामला महिला आयोग में भी दाखिल किया है, जहां वे (डॉ लाहोटी) सुनवाई में नहीं आते है और वहां ये कहते है कि वे शहर से बाहर है। इसलिए वे (मरीज) उसकी फोटो खिंच रही है और महिला आयोग में ये बताएगी कि डॉ लाहोटी शहर से बाहर नहीं है।

कल सुनवाई में पहुंचे डॉ लाहोटी तो यह हुआ..

इसके बाद गुढ़ियारी थाने से नोटिस डॉ लाहोटी को तामिल करवाया गया और वे कल सुनवाई में पहुंचे थे। महिला आयोग में सुनवाई के दौरान उस वक्त हड़कंप मच गया, जब यहां डॉ मनोज लाहोटी के साथ मारपीट हो गई। मिली जानकारी के अनुसार डॉ मनोज लाहोटी सुनवाई के लिए महिला आयोग कार्यालय पहुंचे थे। इस दौरान आयोग के एक कर्मचारी और डॉ लाहोटी से किसी बात को लेकर बहस हो गई। बहस होते-होते बात मारपीट तक आ आ गई और कुछ लोगों ने डॉ लाहोटी की जमकर पिटाई कर दी।उस वक्त वहां अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक नहीं थी। जानकार बताते है कि वे एक एक मंत्री के साथ प्रेस कांफ्रेंस में मौजूद थी।

डॉक्टर लोहाटी के ख़िलाफ़ भी शिकायत

पीड़िता लक्ष्मी पांडे ने कहा कि डॉक्टर लोहाटी महिला आयोग के कार्यालय में आकर मेरे साथ अभद्रता कर रहा था। इसीलिए वहां मौजूद कर्मचारियों ने बीच-बचाव किया है। कर्मचारियों पर डॉक्टर का आरोप पूरी तरह गलत है। मैं खुद थाना पहुंचकर डॉक्टर के खिलाफ FIR करा रही हूं।

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