विवाह पूर्व टीके से कैंसर का खतरा कम, संस्था " देर ना हो जाए "का आयोजन
रायपुर (khabargali) महिलाएं अपने स्वास्थ्य को लेकर लापरवाही कतई ना बरतें । शारीरिक बदलाव को नज़रअंदाज ना करें । माहवारी प्रारंभ होने के सात दिन पूर्व अपने स्तनों को स्वयं जांच कर आईने में देखें तथा कहीं कोई बदलाव लगे तो बिना विलंब किए चिकित्सक को दिखाएं क्योंकि बदलाव से कैंसर की ज्यादा संभावना रहती है । संस्था " देर ना हो जाए " द्वारा महिलाओं के लिए कैंसर जागरूकता पर आयोजित सेमीनार में मुख्य वक्ता और स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आशा जैन ने उक्त बातें कही । कार्यक्रम के सहयोगी संस्था थे महंत लक्ष्मीनारायण दास महाविद्यालय, ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा, सोशल हब, आर्टिस्टिकवाईब्स । सेमीनार में विशिष्ट अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ हास्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. राकेश गुप्ता, मेजर डॉ. शंपा चौबे मौजूद रहे ।
वक्ता ने इस अवसर पर महिलाओं को स्वास्थ्य व खानपान को लेकर सावधानी बरतने अपील की। उन्होंने कहा कि कैंसर से बचाव का एक टीका लड़कियों को 8 से 13 साल के बीच अवश्य लगवाएं और यदि ना लगवा सके तो वैवाहिक जीवन शुरु करने के पूर्व ये टीका लगवाने से कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत कम हो जाता है । माहवारी के समय गंदे कपड़े उपयोग ना करें, एक ही पैड को छह घंटे से ज्यादा उपयोग ना करें । महिलाएं संकोचवश अत्यधिक रक्तस्त्राव को नज़रअंदाज कर देती हैं जो कैंसर का जनक हो सकता है । शादी के बाद बच्चा होने पर माँ अपना दुध अवश्य पिलाएं क्योकि उस समय निर्धारित माह तक माँ दुध ना पिलाए तो उनके स्तन में गांठ हो सकती है जिससे कैंसर का खतरा बना रहता है । खाने में अलग अलग दालों का सेवन करे पौष्टिक आहार लेने से कैंसर का खतरा कम हो जाता है।
सेमीनार में अतिथियों व वक्ता का स्वागत व संस्था का परिचय आदि अध्यक्ष शीलू लुनिया, संयोजक रानू लुनिया व मुकेश शाह, मासूम लुनिया, तृप्ति लुनिया, नफीसा रंगवाला, मीना शर्मा, सिद्धि सोनीगरा, वंशिका ने किया । इस अवसर पर सहयोगी संस्थाओं से सुषमा तिवारी, ममता शर्मा, डॉ. देवाशीष मुखर्जी, श्वेता शर्मा, सिम्मी टांक, सुमन दीवान, स्मिता सिंह आदि मौजूद थे।*
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