कांग्रेस को एक और झटका, पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने छोड़ी पार्टी

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46 साल पुराना नाता तोड़ते हुए कहा- पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आ रही है

चंडीगढ़ (khabargali) पंजाब विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस पार्टी को एक और तगड़ा झटका लगा है। पार्टी के दिग्‍गज नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार ने कांग्रेस पार्टी का साथ छोड़ दिया है। अश्विनी कुमार तीन बार पंजाब से राज्यसभा सांसद रहे हैं। अश्विनी कांग्रेस में लगभग 46 साल से थे। कहा जा रहा क‍ि चुनाव से ठीक पहले उनका जाना पार्टी के नुकसानदायक साब‍ित हो सकता है।इस्‍तीफा देते हुए कांग्रेस पर निशाना साध गए और लीडरश‍िप पर भी सवाल उठाए। अश्विनी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बेहद वफादार नेता माने जाते थे ।

अश्विनी कुमार ने मंगलवार सुबह कांग्रेस पार्टी की अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा। अश्विनी कुमार ने अपने इस्तीफे में कहा, ''मैं कांग्रेस पार्टी के बाहर रहकर देश की बेहतर तरीके से सेवा कर सकता हूं इसलिए मैं पार्टी से इस्तीफा दे रहा हूं।''

कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद ये कहा

लगभग 46 साल का नाता तोड़ते हुए कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद अश्विनी कुमार ने कहा क‍ि कांग्रेस लीडरशिप में दम नहीं है। 'कांग्रेस वह पार्टी नहीं है जो वह थी, हमारे पास पार्टी का नेतृत्व करने के लिए एक परिवर्तनकारी और प्रेरक नेतृत्व नहीं है...देश की सबसे पुरानी पार्टी जमीनी हकीकत से दूर जा चुकी है और वह अब राष्ट्रीय मिजाज को प्रदर्शित नहीं करती। मैंने न तो राजनीति छोड़ी है और न ही जनता की सेवा, मैं राष्ट्र के लिए अपने दायित्वों का निर्वहन करना जारी रखूंगा।'उन्होंने कहा कि पंजाब विधानसभा चुनाव में नतीजे चौंकाने वाले होंगे, क्योंकि वहां कांग्रेस चुनाव हार रही है और आम आदमी पार्टी की सरकार आ रही है।

कौन हैं अश्‍विनी कुमार अश्विनी कुमार

वर्ष 1976 में कांग्रेस में शामिल हुए। वे गुरुदासपुर जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त सचिव बनाए गए। वे पहली बार 1990 में सुर्खियों में आए जब उन्हें चंद्रशेखर सरकार द्वारा भारत का अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया। 26 अक्टूबर 1952 को दिल्ली में जन्मे अश्विनी कुमार ने पंजाब युनिवर्सिटी और दिल्ली युनिवर्सिटी के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से पढ़ाई की है। अश्विनी कुमार एक राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखते हैं। अश्विनी के दिवंगत पिता प्रबोध चंद्र स्वतंत्रता सेनानी और गुरदासपुर के कांग्रेस नेता थे, जो पंजाब विधानसभा में विधायक, मंत्री और स्पीकर बने। अश्विनी कुमार साल 2002 से 2016 तक राज्यसभा सांसद भी रहे और कांग्रेस की सरकार में केंद्रीय मंत्री रहे। कोलगेट मामले की ड्राफ्ट रिपोर्ट बदलने के आरोपों से घिरे अश्वनी कुमार को यूपीए-2 के दौरान इस्तीफा देना पड़ा था। अश्वनी कुमार ने Hope in a Challenged Democracy: An Indian Narrative नाम की एक किताब भी लिखी जो 2017 में प्रकाशित हुई थी।