खदानों में बिना अनुमति के हैवी ब्लास्टिंग .. संचालकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने की मांग

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विस्फोटक अधिनियम की उड़ाई जा रही धज्जियाँ, ग्रामीण असुरक्षित - विवेक तनवानी

एसपी रायपुर, थाना प्रभारी विधानसभा और मंदिर हसौद से शिकायत।

एनओसी रद्द करने कलेक्टर से की जाएगी शिकायत। "सुरक्षा सर्वोपरि" पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) के स्लोगन के विपरीत चल रहा है खदानों में काम।

 रायपुर (khabargali) सामाजिक कार्यकर्ता व अधिवक्ता विवेक तनवानी ने ख़बरगली से कहा कि रायपुर जिला के अंतर्गत ग्राम धनसुली, नरदहा, बाहनाकाड़ी, अकोलीडीह, खपरी, मंदिर हसौद, दौंदेकेला, दौदे खुर्द, पचेड़ा, स्थित गौण खनिज की चुना-पत्थर की खदानों में बिना अनुमति के नियम विरुद्ध बोरहोल ब्लास्टिंग करने वाले लाइसेंसियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करने पुलिस अधीक्षक रायपुर, क्षेत्रिय थाना प्रभारी विधानसभा तथा थाना प्रभारी मंदिर हसौद को शिकायत की गई है जिसमें पुलिस के द्वारा विवेचना जारी है।

उन्होंने कहा मिली जानकारी के अनुसार उपरोक्त खदानों में उत्खनन कार्य वर्षों से निरंतर किया जा रहा है, इस उत्खनन कार्य में बारूद लाइसेंसियों के द्वारा उपरोक्त ग्रामों में संचालित खनिज की खदानों में 4.5" - 6" बोर होल कर एवं 3 मीटर से लेकर 15 मीटर गहराई तक होल कर के नियम विरुद्ध बोर होल ब्लॉस्टिंग का कार्य किया जा रहा है जबकि बोरहोल ब्लास्टिंग के लिए खान सुरक्षा महानिदेशालय से अनुमति लेना आवश्यक है।

उन्होंने कहा उपरोक्त ग्रामों में कार्यरत गौण खनिज की खदानों में बोर होल ब्लॉस्टिंग करने के लिए किसी के पास भी खान सुरक्षा महानिदेशालय की अनुमति नहीं है। ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में खदान संचालकों को ग्रामीणों के स्वास्थ्य सुरक्षा की कोई परवाह नहीं है। "सुरक्षा सर्वोपरि" पेट्रोलियम तथा विस्फोटक सुरक्षा संगठन (PESO) स्लोगन है जिसके ठीक विपरीत नियम विरुद्ध हैवी बोर होल ब्लास्टिंग किया जाकर ग्रामीणों की जीवन को असुरक्षित किया जा रहा और हैवी ब्लॉस्टिंग के साथ ही विस्फोटक अधिनियम की भी धज्जियां उड़ाई जा रही है।

उन्होंने कहा बोर होल ब्लॉस्टिंग के लिए सुरक्षा महानिदेशालय के अनुमति आवश्यक है क्योंकि बोर होल ब्लॉस्टिंग से पत्थर बहुत दूर तक उठता है जिससे ग्रामीणों को दुर्घटना होने की पूर्ण संभावना बनी रहती है। बोरहोल ब्लास्टिंग से एक बहुत बड़े व्यास का धूल एवं डस्ट का गुब्बारा उड़ता है जो कि 2 से 3 किलोमीटर के वातावरण में फैल जाता है जिससे कि विभिन्न प्रकार के खतरनाक केमिकल हवा में घुल जाते हैं एवं क्षेत्र में रहने वाले सभी ग्रामीणों को स्वास्थ्य और विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने की पूर्ण संभावना है, इसके अतिरिक्त बोर होल ब्लास्टिंग एवं डीप होल ब्लास्टिंग ( 3 मीटर - 15 मीटर) से पानी भी प्रदूषित हो रहा है, पीने वाले पानी में भिन्न प्रकार की जहरीले केमिकल की दुर्गंध आती है लेकिन ग्रामवासी जहरीला पानी पीने के लिए मजबूर है ।

विवेक तनवानी ने कहा खान सुरक्षा महानिदेशालय के अनुमति के बिना बारूद के लाइसेंसियों द्वारा बेरोकटोक धड़ल्ले से बोर होल ब्लास्टिंग से ग्रामीणों के जन जीवन में दुष्प्रभाव पड़ रहा है और कई गंभीर परिणाम आ सकते है।