नई दिल्ली /रायपुर (खबरगली) सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने लोकसभा में गुरुवार को शून्य काल के दौरान डिजिटल अरेस्ट फाइनेंशियल फ्रॉड में हो रही तेज़ बढ़ोतरी पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आम नागरिकों की आर्थिक सुरक्षा — खासकर वरिष्ठ नागरिकों की फाइनेंशियल सिक्योरिटी — पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। अग्रवाल ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से भारतीय बैंकिंग सिस्टम में AI-आधारित सेफ्टी होल्ड सिस्टम और एस्को मैकेनिज्म को लागू करने की मांग की, ताकि संदिग्ध लेन-देन को तुरंत रोका जा सके।
“यह सिर्फ चोरी नहीं, मनोवैज्ञानिक अपराध भी है”
श्री अग्रवाल ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट स्कैम अब एक जटिल साइकोलॉजिकल क्राइम का रूप ले चुके हैं। यह सिर्फ पैसों की चोरी नहीं है, बल्कि डिजिटल बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के सामने एक बड़ा सवाल है—क्योंकि यह घटनाएं पीड़ितों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालती हैं।
सोशल मीडिया पर भी जताई चिंता
सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर बताया कि देश में डिजिटल अरेस्ट मामलों में खतरनाक तेजी देखी जा रही है। सुप्रीम कोर्ट भी इसे एक गंभीर चुनौती बता चुका है। उन्होंने कहा कि केवल भारत में ही पीड़ितों—जिनमें ज्यादातर वरिष्ठ नागरिक हैं—ने 3,000 करोड़ रुपये से ज्यादा गंवा दिए हैं। मौजूदा बैंकिंग सिस्टम में बदलाव की मांग* अग्रवाल ने सवाल उठाया कि जब कोई पीड़ित दबाव में आकर चंद मिनटों में अपनी पूरी जिंदगी की बचत का 80–90% राशि ट्रांसफर कर देता है, तो बैंकिंग सिस्टम उसे एक सामान्य ट्रांज़ैक्शन की तरह प्रोसेस कर देता है। उन्होंने कहा — “इस प्रक्रिया में तुरंत बदलाव होना जरूरी है।”
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