गायत्री नगर में सिद्धिविनायक शिव साईं हनुमान मंदिर मैं चल रही श्रीमद्भागवत कथा
रायपुर (khabargali) जिसके मन में भगवान के प्रति भक्ति और श्रद्धा एवं दीन दुखियों के प्रति सेवा भाव होता है उस पर भगवान की कृपा हमेशा रहती है, यह बात गायत्री नगर में सिद्धिविनायक शिव साईं हनुमान मंदिर मैं चल रही श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिवस में चित्रकूट से पधारे कथावाचक श्री शिवानंद जी महाराज ने कहा। प्रहलाद चरित्र प्रसंग में बताया कि प्रहलाद जी देव ऋषि नारद के आश्रम में मां के गर्भ में ही भक्ति ज्ञान वैराग्य प्राप्त कर लिया था लेकिन उनके पिता हिरण्यकश्यप को अपने पुत्र की भक्ति श्रद्धा पसंद नहीं थी लेकिन प्रहलाद जी नारायण की भक्ति करके जगत को सिखाया है कि बचपन से ही भक्ति करो हिरण कश्यप जी ने अपने पुत्र को मारने के लिए कई उपाय किए अग्नि में भी जलवा या लेकिन जिसकी रक्षा स्वयं नारायण करते हैं जिन्होंने अपने शरीर को नारायण को समर्पित कर दिया है उसकी रक्षा स्वयं नारायण करते हैं। भक्तों ने बड़ी भाव से श्रद्धा से कथा को श्रवण कर अपना जीवन धन्य बनाया ।कथा स्थल में प्रहलाद एवं हिरण्यकश्यप एवं नरसिंह भगवान की सुंदर झांकियों के साथ कथा पूर्ण हुई ।
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