एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा
रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ विधानसभा के उपाध्यक्ष और भानुप्रतापपुर से विधायक मनोज मंडावी की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि वे शनिवार की रात धमतरी के सर्किट हाउस में रुके हुए थे। वहीं रविवार की सुबह उनके सीने में अचानक दर्द हुआ। जिसके बाद उन्हें धमतरी के अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल ले जाते वक्त डॉक्टरों ने मनोज मंडावी को मृत घोषित कर दिया।
राज्य शासन द्वारा एक दिन के राजकीय शोक की घोषणा की गई है। राजधानी रायपुर एवं कांकेर में आज राजकीय शोक रहेगा तथा उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा। राजकीय शोक की अवधि में राजधानी रायपुर और कांकेर जिले में स्थित समस्त शासकीय भवनों और जहां पर नियमित रूप से राष्ट्रीय ध्वज फहराए जाते हैं, वहां पर राष्ट्रीय ध्वज आधे झुके रहेंगे तथा शासकीय स्तर पर कोई मनोरंजन/सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित नहीं किया जाएगा।
मनोज मंडावी का पार्थिव शरीर उनके गृह ग्राम नथिया नवागांव पहुंच गया है जहां उ का अंतिम संस्कार किया जाएगा। सीएम भूपेश बघेल ने भी निधन पर दुख जताया है। विधानसभा अध्यक्ष डा.चरणदास महंत व पीसीसी अध्यक्ष मोहन मरकाम ने भी मंडावी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने अपने शोक संदेश में कहा है कि मनोज मंडावी वरिष्ठ आदिवासी नेता थे। उन्होंने नवगठित छत्तीसगढ़ के गृह राज्यमंत्री और विधानसभा के उपाध्यक्ष सहित अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे और प्रदेश की सेवा की। वे वर्ष 1998 में अविभाजित मध्यप्रदेश विधानसभा के और वर्ष 2013 और 2018 में छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए।मंडावी छत्तीसगढ़ आदिवासी विकास परिषद के अध्यक्ष भी रहे।
मुख्यमंत्री के मुताबिक मनोज सिंह मंडावी आदिवासी समाज के बड़े नेता थे। वे आदिवासियों की समस्याओं को विधानसभा में प्रभावशाली ढंग से रखते थे। मंडावी आदिवासी समाज की उन्नति और अपने क्षेत्र के विकास के लिए सदैव प्रयासरत रहे। सीएम भूपेश बोले कि प्रदेश के विकास में उनके योगदान को सदैव याद रखा जाएगा। उनका निधन हम सबके लिए अपूरणीय क्षति है। मुख्यमंत्री ने मनोज सिंह मंडावी के शोक संतप्त परिवारजनों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की है।
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