24 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी ,संत महासभा ने की घोषणा..सीएम बघेल ने इस पर्व पर शराबबंदी की घोषणा की

janmashtami
Image removed.

रायपुर (खबर गली) ब्रह्मवैवर्त पुराण के अनुसार भगवान् श्रीकृष्ण का प्राकट्य भादों कृष्णपक्ष, रोहिणी नक्षत्र, वृष राशि के चन्द्र तथा सिंह राशि के सूर्य आदि में हुआ। अतः इसके अनुसार कृष्ण जन्माष्टमी 24 तारीख को ही मनाए इसमें संत महासभा के प्रमुख स्वामी राजेश्वरानंद जी आचार्य घनश्याम शर्मा आचार्य जुगल किशोर शर्मा आचार्य कीर्ति भूषण पांडे आचार्य शशिकांत पांडे आचार्य ललित पांडे आचार्य हिमांशु पांडे आदि ब्राह्मणों ने बैठक के निर्णय लिया। वहीं यादव समाज द्वारा जन्माष्टमी पर शराबबंदी की मांग पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी ने अपनी सहमति देते हुए 24 तारीख़ को शराबबंदी की घोषणा की । इस घोषणा का संतमहासभा ने स्वागत किया और प्रदेश के मुखिया के प्रति आभार जताया।

जन्माष्टमी का निर्णय सिन्धु के अनुसार

 “पूर्वविद्धाष्टमी या तु उदये नवमीदिने। मूहुर्तमपिसंयुक्ता सम्पूर्णौ साष्टमी भवेत्॥ कलाकाष्ठामुहूर्तापि यदा कृष्णाष्टमीतिथि:। नवम्यां सैव ग्राह्या स्यात्सप्तमीसंयुता न हि॥ (निर्णय सिंधु परिच्छेद २, पृष्ठ १९१)
अर्थात् सूर्योदय से युक्त अष्टमी संग नवमी तिथि को ही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मान्य करनी चाहिये। अष्टमी युक्त नवमी ग्राह्य है, परन्तु; सप्तमी युक्त अष्टमी नहीं। यही बात ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी स्पष्ट है कि प्रात: संकल्पकालव्याप्तेराधिक्यात्। वर्जनीया प्रयत्नेन सप्तमीसंयुताष्टमी। इति ब्रह्मवैवर्ताच्च (निर्णय सिंधु पृष्ठ १९०)

जन्‍माष्‍टमी महत्‍व

भादो मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को जो त्योहार मनाया जाता है, उसे कृष्ण जन्माष्टमी के नाम से जानते हैं. अष्टमी के दिन कृष्ण का जन्म हुआ था, इसलिए इसे कृष्ण जन्माष्टमी कहा जाता है. पौराणिक कहानियों के अनुसार श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में मध्यरात्रि को हुआ था. इसलिए भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी को यदि रोहिणी नक्षत्र का भी संयोग हो तो वह और भी शुभ माना जाता है.

कृष्ण जन्माष्टमी पूजन मुहूर्त

तिथि: 24 अगस्‍त, शनिवार
पूजा मुहूर्त: रात 12:01 बजे से 12:45 बजे तक
अवधि: 45 मिनट

क्‍यों करें व्रत

ऐसी मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण की पूजा करने से सभी दुखों व शत्रुओं का नाश होता है और जीवन में सुख, शांति व प्रेम आता है. इस दिन अगर श्री कृष्ण प्रसन्न हो जाएं तो संतान संबंधित सभी विपदाएं दूर हो जाती हैं. श्री कृष्ण जातकों के सभी कष्टों को हर लेते हैं.