गलवान घाटी में हुए संघर्ष में बुरी तरह घायल हुआ था छत्तीसगढ़ का जांबाज सपूत..तीन भाई बहनों में एकलौता भाई थे गणेश
कांकेर (khabargali) भारत और चीन के बीच बॉर्डर पर हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। मई से चली आ रही तनातनी 15 जून की रात हिंसक झड़प में बदल गई और दोनों देशों के सैनिक आपस में भिड़ गए। इस घटना में दोनों तरफ से सैनिकों की मौत हुई है। बता दें कि भारत-चीन सीमा पर लद्दाख के 17 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी पर चीनी सेना के हिंसक झड़प में पहले तो केवल एक अफसर और 2 जवानों के शहीद होने की सूचना मिली थी लेकिन कल रात्रि 20 भारतीय जवानों के शहीद होने की जानकारी मिली। उनमें राज्य के कांकेर निवासी 27 वर्षीय जवान गणेश राम कुंजाम भी शामिल था । मंगलवार को इलाज के दौरान बुरी तरह से घायल जवान गणेश ने दम तोड़ दिया था।
ग्राम गिधाली में मातम पसरा
जाबांज गणेश कांकेर जिले के चारामा ब्लॉक के कुरूटोला ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम गिधाली का रहने वाला है, मंगलवार की शाम सेना के द्वारा फोन पर गणेश के परिजनों को इसकी सूचना दी गई है। जिसके बाद गांव में मातम पसर गया है। हालांकि प्रशासन और पुलिस को अब तक जवान के शहीद होने की सूचना नही मिली है,पुलिस के द्वारा जवान के गांव टीम रवाना की गई है ताकि सेना से आये फोन के बारे में जानकारी ली जा सके।
शहीद गणेश ने 2011 में सेना ज्वाइन की थी
गणेश ने कक्षा 12 वीं के बाद ही सेना में शामिल होने का निर्णय लिया था। बड़ी तैय्यारियो के बाद गणेश कुंजाम ने 2011 में सेना ज्वाइन की थी और साल भर पहले ही लागवान घाटी में उसकी तैनाती हुई थी।अत्यंत ही गरीब परिवार का गणेश तीन भाई बहनों में एकलौता भाई था।
1 महीने पहले ही LAC पर हुई थी पोस्टिंग
एक माह पूर्व ही परिवार की गणेश से फोन पर बात हुई थी, तब उसने जानकारी दी थी कि उसकी तैनाती भारत-चीन सीमा पर हो गयी है और वो वहीं जा रहा है। घरवालों की तरफ से कई बार उसे फोन कर बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो सका और फिर अचानक मंगलवार की दोपहर परिवारवालों को सेना की तरफ से बताया गया कि गणेश राम शहीद हो गया है। ।
गणेश की शादी की तैयारियों में था परिवार
गणेश जब पिछली बार घर आया था, उसी समय उसका विवाह निश्चित हो गया था और परिवारजन उसके शादी की तैयारियों में जुट गए थे। कोरोना की वजह से विवाह की तिथि तय नहीं की जा सकी थी। कोरोना संकट के बाद वह कांकेर आने वाला था, तब उसी दौरान उसका विवाह करने का मन परिवारजनों ने बना लिया था। लेकिन नियति को और कुछ मंजूऱ था गणेश तो अब नहीं आ पायेगा लेकिन उसकी शहादत हमेशा तारीख में दर्ज हो गई।
गुरुवार शाम तक पहुँचेगा पार्थिव शरीर
सेना के अफसरों ने जवान के परिवार वालो को बताया कि गुरुवार शाम तक शहीद का पार्थिव शरीर गृह ग्राम लाकर राजकीय सम्मान के साथ उसे अंतिम विदाई दी जाएगी।
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