श्रद्धालुओं का उमड़ा जनसैलाब
अयोध्या (khabargalu) अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह पहली रामनवमी है। इसीलिए यह रामनवमी खास और ऐतिहासिक है। आज रामलला के मस्तक पर सूर्य की किरणों से सूर्याभिषेक हुआ। इस मौके पर विशेष पूजा अर्चना की गई। रामनवमी के असवर पर भगवान रामलला का सूर्याभिषेक किया गया। सूर्य की किरणों से रामलला का सूर्याभिषेक किया गया।
राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा, रामलला को छप्पन भोग लगाया गया। आज रामनवमी का मेला है। भक्त प्रार्थना कर रहे हैं और आज सब कुछ विशेष है। उन्होंने बताया कि सूर्य तिलक के साथ ही रामलला का जन्म हो गया। मंदिर में आरती की गई। सूर्य तिलक के बाद कुछ देर के लिए रामलला का पट बंद कर दिया गया। इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। बुधवार सुबह 3.30 बजे मंदिर के कपाट खुल गए, आम दिनों में यह 6.30 बजे खुलते हैं। श्रद्धालु रात 11.30 बजे तक, यानी 20 घंटे दर्शन कर सकेंगे।
3 मिनट तक चला सूर्याभिषेक
इससे पहले जगद्गुरु राघवाचार्य ने 51 कलशों से भगवान रामलला का अभिषेक किया। जैसे ही दोपहर के 12 बजे, मंदिर के गर्भगृह में रोशनी कम हो गई, लेकिन सूर्य की किरणें भगवान राम के माथे को चूमने के लिए छनकर आईं और 'सूर्य तिलक' किया। यह घटना लगभग तीन मिनट तक चली, इस दौरान शंख ध्वनि के बीच 'आरती' की गई। इस प्रतीकात्मक भाव ने भगवान राम के जन्मदिन पर मंदिर परिसर में एक दिव्य माहौल बना दिया। इस उत्सव का प्रसारण पूरे शहर में लगभग 100 एलईडी स्क्रीन पर किया गया। इसे ट्रस्ट के सोशल मीडिया अकाउंट पर भी प्रसारित किया गया। सूर्य तिलक के क्षण में भक्त खुशी से झूम उठे। पूरे अयोध्या में जय श्री राम के नारे सुनाई देने लगे। राम जन्मभूमि मंदिर के बाहर भक्त नाच-गाने लगे।
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