छत्तीसगढ़ के खनन क्षेत्र में रोजगार की उपलब्धता, दिला रही राज्य के युवाओं को पलायन के दंश से राहत

Availability of employment in the mining sector of Chhattisgarh is providing relief to the youth of the state from the sting of migration, Chhattisgarh, Khabargali.

रायपुर (khabargali) छत्तीसगढ़ भारत के उन राज्यों में से एक है जो खनिज संपदा से समृद्ध है। खनन उद्योग राज्य की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह उद्योग न केवल राज्य को राजस्व प्रदान करता है, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा करता है। आइए देखें कि क्या सचमुच खनन उद्योग ने राज्य को अन्य पलायन-पीड़ित राज्यों की तुलना में अलग दिशा दी है।

स्थानीय सफलता की कहानी

 तमनार के सरईटोला गाँव की रहने वाली करुणा राठिया, कहती हैं, "पहले हमारे परिवार के पास खेती के अलावा आय का कोई जरिया नहीं था और खेती की आय से परिवार का भरण पोषण संभव नहीं हो पाता था। दूसरे राज्य में काम के लिए जाना पड़ता था, लेकिन अब मेरे पति खदान में काम करते हैं और मैँ भी महिला सहकारी समिति के साथ दोना-पत्तल उद्योग से जुड़ कर कमाई कर रही हूं, जिससे खदान के सामाजिक सरोकारों के तहत खनन कंपनी के सहयोग से लगाया गया है, इससे हमारी आर्थिक स्थिति काफी सुधरी है। मेरा बेटा अब स्कूल जाता है और बेटी भी कॉलेज जाती है।" सुरेखा की कहानी उन हजारों लोगों की कहानी है, जिन्होंने खनन उद्योग से लाभ उठाया है।

तथ्यपरक आंकड़े: छत्तीसगढ़ में खदानों की भूमिका

 भारत में उत्पादित कोयले का लगभग 20% और लौह अयस्क का 15% छत्तीसगढ़ से आता है। (स्रोत: आर्थिक सर्वेक्षण, छत्तीसगढ़ 2020-21) 2019-20 में खनन और उत्खनन क्षेत्र ने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 11.62% का योगदान दिया। (स्रोत: आर्थिक सर्वेक्षण, छत्तीसगढ़ 2020-21)

रोजगार सृजन

छत्तीसगढ़ भूविज्ञान और खनन विभाग के एक अनुमानित आँकड़े में खनन के क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 8 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करता है। वहीं सीएमआईई ( सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन ईकानमी ) के अनुसार राज्य में 2020-21 में बेरोजगारी दर 4.5% थी, जो राष्ट्रीय औसत 7.5% से काफी कम है।

अन्य राज्यों में चुनौतियां

 विश्व बैंक के एक सर्वे के अनुसार वर्ष 2011-16 के बीच बिहार से लगभग 8.2 मिलियन लोग पलायन कर गए, जो राष्ट्रीय औसत से दुगुना है। अन्य राज्यों के निवासियों को रोजगार की तलाश में पलायन का दंश झेलना पड़ता है। उनके राज्य में रोजगार के अभाव के कारण अकसर बड़े राज्यों में काम की तलाश के लिए अपने घरों और परिवारों को छोड़ना पड़ता है, जिनसे उनकी आर्थिक और सामाजिक संरचना पर नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।

छत्तीसगढ़ का रोजगार परिदृश्य

 छत्तीसगढ़ राज्य, रोजगार के क्षेत्र में तेजी से बदलाव के साथ बहुत ही सुदृढ़ होकर उभर रहा है जिसमें खनन उद्योग मुख्य रूप से एक महत्वपूर्ण रोजगार दाता के रूप में सामने आया है। राज्य ने खनन संचालन से संबंधित क्षेत्रों जैसे की विनिर्माण और बुनियादी सेवाओं में एक मजबूत स्थिति निर्मित की है। छत्तीसगढ़ के उदाहरण से सीखने के लिए बहुत कुछ है। खनन उद्योग ने आर्थिक विकास और रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पर्यावरण की रक्षा, समुदायों के कल्याण और स्थायी विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। छत्तीसगढ़ की सफलता राज्य में चल रहे खनन उद्योग का लाभ उठाते हुए, इससे जुड़ी सभी पहलुओं में संतुलन बनाने में ही है। अन्य राज्यों के लिए भी यही सीख है - संसाधनों का दोहन करते हुए, आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य बनाना। छत्तीसगढ़ में खनन उद्योग राज्य के विकास और लोगों की भलाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इन उद्योगों से ही राज्य में रोजगार के अवसरों का सृजन हुआ है और लोगों के पलायन में कमी आई है। इसके साथ ही इनसे मिलने वाले राजस्व से राज्य में हर दिशा में तरक्की का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है।

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