
जानें कौन था सिर पर पूरे एक करोड़ के इनाम वाला नक्सली चलपति, कैसे पत्नी संग सेल्फी से रडार पर चढ़ा
गरियाबंद/मैनपुर (खबरगली) छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में फोर्स ने 20 नक्सलियों का एनकाउंटर कर दिया है। इनमें से 15 के शव और हथियार मिल चुके हैं। इनमें 1 करोड़ का इनामी जयराम उर्फ चलपति भी मारा गया है। मंगलवार की सुबह नक्सलियों को मारने की बड़ी खबर आई। मुठभेड़ अभी खत्म नहीं हुई है। जवानों की कामयाबी पर केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि देश में नक्सलवाद अपनी आखिरी सांसें गिन रहा छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर पर स्थित भालू डिग्गी के जंगल में 1000 जवानों ने करीब 60 नक्सलियों को घेर रखा है। बैकअप पार्टी भेजी गई है और ड्रोन से नजर रखी जा रही है। पहले फोर्स का 15-20 किमी का घेरा था, अब नक्सली 3 किमी में सिमट गए हैं। सभी 60 नक्सलियों के मारे जाने की संभावना है। वहीं, एक जवान घायल हुआ हैं, जिसे एयरलिफ्ट करके रायपुर लाया गया। SOG (स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप) जवान के पैर में गोली लगी है।गरियाबंद SP निखिल राखेचा, ओडिशा के नुआपाड़ा SP राघवेंद्र गूंडाला, ओडिशा DIG नक्सल ऑपरेशन अखिलेश्वर सिंह और कोबरा कमांडेंट डीएस कथैत ऑपरेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं ।
गरियाबंद में सुरक्षाबल के जवानों को नक्सलियों के खिलाफ मिली कामयाबी पर देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जवानों की पीठ थपथपाई है। उन्होंने X पर लिखा कि नक्सलमुक्त भारत बनाने के उनके अभियान में सुरक्षाबलों ने बड़ी सफलता हासिल की है। देश में नक्सलवाद अपनी आखिरी सांसे गिन रहा है। दरअसल केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 31 मार्च 2026 तक नक्सलियों के खात्में का ऐलान किया है। इसके बाद प्रदेश में नक्सलियों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई हो रही है।
छत्तीसगढ़ और ओडिशा पुलिस को सूचना मिली थी कि कुल्हाड़ी घाट रिजर्व फॉरेस्ट के घने जंगलों में बड़े नक्सलियों की मौजूदगी है। इस खबर के बाद दोनों राज्यों की पुलिस ने एक बड़ा ऑपरेशन लांच किया। 24 घंटे तक जवानों और नक्सलियों के बीच गोलीबारी होती रही। इसमें 14 नक्सली ढेर हुए हैं। इसमें एक करोड़ का इनामी नक्सली जयराम उर्फ चलपती भी मारा गया है।
मारे गए नक्सलियों में कई बड़े कैडर के नक्सली हैं। जानें कौन है नक्सली नेता प्रताप रेड्डी रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलपति

मारे गए नक्सलियों में नक्सली नेता प्रताप रेड्डी रामचंद्र रेड्डी उर्फ चलपति (62) भी शामिल है, जिसके सिर पर पूरे एक करोड़ रुपए का इनाम घोषित था। वह सुरक्षाबलों पर कई खतरनाक हमले कर चुका था। एक विधायक की हत्या के पीछे भी उसका हाथ बताया जाता है। आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले का रहने वाला चलपति एक बेहद खूंखार नक्सली था। वह गुरिल्ला युद्ध में माहिर था और युद्ध की रणनीति बनाने में बेहद कुशल माना जाता था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सुरक्षा एजेंसियों का मानना है कि 23 सितंबर 2018 को हुए उस हमले का चलपति ही मास्टरमाइंड था जिसमें टीडीपी के विधायक किदारी सर्वेश्वर राव और पूर्व विधायक शिवेरी सोमा की हत्या कर दी गई थी। चलपति की पत्नी अरुणा ने कथित तौर पर नक्सलियों के उस समूह का नेतृत्व किया था जिसने टीडीपी नेताओं की हत्या की थी।
बताया जाता है कि 1970 के दशक में ही नक्सल विचाराधारा से चलपति इस कदर प्रभावित हुआ कि उसने इंटर पास करने से पहले पढ़ाई छोड़ दी और बंदूक उठा ली। वह जल्द ही डिविजनल कमिटी का सदस्य बन गया। वह प्रताप, रवि और जयराम जैसे नामों से भी जाना जाता था। दिसंबर 2000 में वह स्पेशल जोनल कमिटी का सदस्य बना दिया गया था। स्टेट मिलिट्री कमीशन ऑफ आंध्र ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोन कमिटी (AOB-SZC) में लाया गया। गुरिल्ला युद्ध में अपनी कौशल की वजह से उसने तेजी से तरक्की की। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के सीमा वाले इलाकों में वह करीब तीन दशक तक सुरक्षाबलों पर हमलों की प्लानिंग और उन्हें अंजाम देने में जुटा रहा।
दशकों तक अंडरग्राउंड रहकर अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने के बाद वह मई 2016 में सुरक्षाबलों के रडार पर आया। उसकी तस्वीर तब पहली बार सुरक्षाबलों को मिली जब एक नक्सली के मारे जाने के बाद उसके पास बरामद लैपटॉप में चलपति और उसकी पत्नी की एक सेल्फी मिली। चलपति रोमांस की वजह से पहले भी झटका खा चुका था। डिप्टी कमांडर अरुणा के साथ संबंध की बात सामने आने पर उसे एक साल के लिए निलंबित भी कर दिया गया था। बाद में उसने अरुणा के साथ शादी कर ली।
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